मणिपुर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार द्वारा ‘प्रतिबंधित चरमपंथी संगठनों को करोड़ों रुपये का भुगतान किए जाने’ को निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं ठहराए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है।
मणिपुर के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक रमेश ने ट्वीट किया, “निर्वाचन आयोग ने गत एक फरवरी और एक मार्च को मणिपुर सरकार की ओर से प्रतिबंधित चरमपंथी संगठनों को किए गए भुगतान को आश्चर्यजनक ढंग से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं ठहराया है। मैं उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर रहा हूं।”
Shockingly ECI held large payments to banned militant groups made on 1.1.22 & 1.3.22 by Manipur Govt do not violate Model Code of Conduct.They do & I’m petitioning Supreme Court. Payments were suddenly released during poll period after long gap. It murdered elections in 11 seats!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 5, 2022
उन्होंने दावा किया कि लंबे अंतराल के बाद चुनाव के समय भुगतान किया गया और इससे राज्य की 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव को प्रभावित किया गया है। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को आयोग के पास इस मुद्दे और कुछ अन्य विषयों को लेकर शिकायत की थी। इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और सलमान खुर्शीद शामिल थे।
आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखने के बाद रमेश ने कहा था कि ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन’ (गतिविधि के निलंबन) के तहत गत एक फरवरी को चरमपंथी संगठनों को लगभग 15 करोड़ रुपये और एक मार्च को लगभग 95 लाख रुपये का भुगतान किया गया जो आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है। मणिपुर विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 28 फरवरी को हुआ था। दूसरे एवं आखिरी चरण का मतदान आज हो रहा है।