बेंगलुरु : अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से 15 महीने बाद भी नहीं हुआ कोरोना संक्रमित दो शवों का अंतिम संस्कार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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बेंगलुरु : अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से 15 महीने बाद भी नहीं हुआ कोरोना संक्रमित दो शवों का अंतिम संस्कार

कर्नाटक के बेंगलुरु में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। दरअसल शहर के राजाजीनगर में ईएसआई अस्पताल के मुर्दाघर में मरने के 15 महीने बाद कोविड से संक्रमित दो शव मिले हैं

कर्नाटक के बेंगलुरु में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। दरअसल शहर के राजाजीनगर में ईएसआई अस्पताल के मुर्दाघर में मरने के 15 महीने बाद कोविड से संक्रमित दो शव मिले हैं। अधिकारी शवों का अंतिम संस्कार करने की योजना बना रहे थे क्योंकि मृतक के परिवार और रिश्तेदारों ने शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। तीन दिन पहले शव को अस्पताल के कोल्ड स्टोरेज से बरामद किया गया था जब कर्मचारी वहां सफाई करने के लिए गए थे। शवों को कोल्ड स्टोरेज में रहने का कारण स्टाफ व डॉक्टरों की लापरवाही बताई जा रही है।
टैग की मदद से हुई शवों की पहचान 
अस्पताल प्रशासन ने टैग की मदद से शवों की पहचान चामराजपेट निवासी दुर्गा (40) और दूसरा बेंगलुरु के केपी. अग्रहारा निवासी मुनीराजू (35) के रूप में हुई है। दोनों को जुलाई, 2020 में कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए ईएसआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, जैसे ही उन्होंने वायरस के कारण दम तोड़ दिया, उनके शवों को एक पुराने मुर्दाघर में स्थानांतरित कर अंतिम संस्कार के लिए बीबीएमपी को सौंप दिया गया। कोविड प्रोटोकॉल के रूप में, बीबीएमपी और नागरिक एजेंसी को कोरोना पीड़ितों के शवों का अंतिम संस्कार करना था क्योंकि शव परिवारों को नहीं दिए गए थे। शवों को रखने के लिए ईएसआई अस्पताल के पुराने मुर्दाघर में छह कोल्ड स्टोरेज बने हैं। हालांकि, कोविड की मौतों में स्पाइक के दौरान, अस्पताल में शवों को मोर्चरी में रखना मुश्किल हो गया था। सरकार ने नए मुर्दाघर का निर्माण किया था, जिसका उद्घाटन दिसंबर, 2020 में किया गया था।
दुर्गंध की वजह से कर्मचारियों का गया ध्यान 
मुर्दाघर में सफाई कर्मचारी सफाई के लिए गए थे उन्होंने फ्रीजर से दुर्गंध आती सहसूस की तो उसमें से दो लाशें मिली। राजाजीनगर पुलिस ने मामले में परिजनों का पता लगाने की कोशिश की है। दुर्गा के पति की मौत हो चुकी है और उनके परिवार ने शव लेने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। पुलिस मुनीराजू के परिवार वालों का पता लगाने की कोशिश कर रही थी। शवों को संभालने में पूरी तरह से लापरवाही बरतने के लिए ईएसआई अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों के खिलाफ जनता अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रही है।

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