भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वह पश्चिम बंगाल से राज्यसभा की एक सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी जिससे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी जवाहर सरकार के निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता साफ हो गया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा राज्यसभा के लिए किसी भी उम्मीदवार को नामित नहीं करेगी। नंदीग्राम से भाजपा विधायक अधिकारी ने ट्वीटर पर कहा, ‘‘आज पश्चिम बंगाल में राज्यसभा उपचुनाव के नामांकन के लिए आखिरी तारीख है।
भाजपा इस सीट के लिए कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं कर रही है। चुनाव का नतीजा हम सभी को पता है…इस अविवेकशील सरकार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।’’ प्रसार भारती के पूर्व सीईओ सरकार ने विधानसभा सचिवालय के कार्यालय में टीएमसी उम्मीदवार के तौर पर बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया।
इस मौके पर पश्चिम बंगाल के संसदीय मंत्री और टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी मौजूद रहे। टीएमसी ने उनकी उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए 24 जुलाई को कहा था, ‘‘सरकार ने करीब 42 वर्षों तक जन सेवा की…उनके योगदान से हमें देश की बेहतर तरीके से सेवा करने में मदद मिलेगी।’’
निर्वाचन आयोग ने कहा था कि पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सीट पर उपचुनाव नौ अगस्त को होगा। टीएमसी के पूर्व नेता दिनेश त्रिवेदी ने इस साल की शुरुआत में यह सीट खाली की थी। त्रिवेदी ने फरवरी में संसद के ऊपरी सदन से इस्तीफा दे दिया था और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा में शामिल हो गए थे।
राज्य की 294 सदस्यीय विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के 213 विधायक और भाजपा के 77 विधायक हैं। टीएमसी के सहयोगी दल जीजेएम का एक विधायक है। टीएमसी के संसदीय दल के एक प्रतिनिधिमंडल ने 15 जुलाई को नयी दिल्ली में निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल विधानसभा की सात खाली सीटों पर जल्द से जल्द उपचुनाव कराने की मांग की।
टीएमसी जल्द से जल्द उपचुनाव कराना चाहती है क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अगले छह महीनों में विधानसभा में निर्वाचित होना होगा। वह नंदीग्राम से चुनाव हार गयी थी। राज्य के मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने बनर्जी के निर्वाचन के लिए भवानीपुर सीट खाली कर दी थी।