हरियाणा : कुमारी शैलजा ने केंद्र पर लगाया किसानों को बर्बाद करने का आरोप - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

हरियाणा : कुमारी शैलजा ने केंद्र पर लगाया किसानों को बर्बाद करने का आरोप

कुमारी शैलजा ने कहा कि केंद्र सरकार हाल ही में तीन नए अध्यादेश लेकर आई है जिससे किसान अपनी फसल बेचने के लिए कथित तौर पर चुनिंदा पूंजीपतियों पर निर्भर होंगे।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने केंद्र सरकार पर खेती में निजी क्षेत्र को बढ़वा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने हाल में ही केंद्र द्वारा जारी किए गए तीन अध्यादेशों को किसानों को बर्बाद करने वाला बताते हुए कहा कि किसानों की फसल मंडी में ओने पौने दामों पर बिकेंगी, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा।
शैलजा ने आज वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार हाल ही में तीन नए अध्यादेश लेकर आई है जिससे किसान अपनी फसल बेचने के लिए कथित तौर पर चुनिंदा पूंजीपतियों पर निर्भर होंगे। उन्होंने सरकार पर खेती में निजी क्षेत्र को बढ़वा देने का आरोप लगाया। 
उन्होंने कहा कि पहले हर व्यापारी केवल मंडी से ही फसल खरीद सकता था लेकिन अब नए अध्यादेश के मुताबिक उसे मंडी के बाहर से फसल खरीदने की छूट मिल जाएगी। उन्होंने दावा किया कि इससे मंडी में होने वाली प्रतिस्पर्धा और फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य दोनों समाप्त हो जाएंगे तथा मंडियां खत्म हो जाएंगी। वहीं किसानों की फसल मंडी में ओने पौने दामों पर बिकेंगी, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि दूसरे अध्यादेश ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम संसोधन’ के तहत अनाज, दालों, प्याज, आलू इत्यादि को जरूरी वस्तु अधिनियम से बाहर कर दिया गया है, इनकी स्टॉक सीमा समाप्त कर दी गई है। इससे अत्यधिक स्टॉक कर इन चीजों की कालाबाजारी होगी और महंगे दामों पर इन्हें बेचा जाएगा। वहीं तीसरे अध्यादेश में अनुबंध फार्मिंग के माध्यम से किसानों का वजूद समाप्त करने की साजिश रची गई है। 
इस कानून के माध्यम से अनुबंध आधारित खेती को वैधानिकता प्रदान की गई है, ताकि बड़ी पूंजीपति और कम्पनियां अनुबंध के माध्यम से ठेका आधारित खेती कर सकें। किसान खेतीबाड़ी के लिए इनसे बंध जाएगा, जिससे किसानों का वजूद समाप्त हो जाएगा। किसानों को पूंजीपति और कम्पनियों की जरूरत के हिसाब से ही फसलों का उत्पादन करना पड़ेगा। 
फसलों के दाम, किसान से कब फसल खरीदी जाएगी, कब भुगतान किया जाएगा, सब कुछ उस पूंजीपति या कम्पनी के हाथ में होगा और किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर बनकर रह जाएंगे। कुमारी शैलजा के अनुसार डीजल के दाम असमान छू रहे हैं और अब सरकार के ये अध्यादेश किसानों को कथित तौर पर बर्बादी के कगार पर ले जाएंगे। 
उन्होंने हरियाणा में फसल बीमा महंगा होने पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि अब फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराना भी महंगा हो गया है। कपास का प्रीमियम तो लगभग ढाई गुना तक बढ़ दिया गया है। पहले जहां कपास के लिए प्रीमियम राशि प्रति एकड़ पर 620 रुपए थी, वहीं अब यह बढ़कर 1650 रुपए कर दी गई है। इस तरह धान पर भी बीमा राशि 630 रुपए प्रति एकड़ थी जो बढ़कर 680 रुपए प्रति एकड़ कर दी गई है। 
इसी तरह अन्य फसलों की प्रीमियम राशि भी बढ़ाई गई है। उन्होंने दावा किया कि ऐसा फसल बीमा योजना में हरियाणा सरकार द्वारा दी जाने वाली अपने हिस्से की सब्सिडी को वापस लेने के कारण हुआ है। उन्होंने दावा किया कि नए अध्यादेश अध्यादेश पूरी तरह से किसानों के लिए घाटे का सौदा हैं। उन्होंने इन्हें तथा बीमा प्रीमियम वृद्धि तुरंत वापिस लेने की मांग की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen − three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।