मध्य प्रदेश सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ (धार्मिक स्वतंत्रता) अध्यादेश को पास कर दिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही राज्य में धोखे से धर्मांतरण के मामले में दोषी पाए जाने पर 10 साल की कैद एवं एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अध्यादेश कानून की शक्ल ले लेगा। अध्यादेश के मुताबिक, मध्य प्रदेश में लालच या धोखे से विवाह या किसी अन्य कपट पूर्ण तरीके से धर्म परिवर्तन कराने वाले या फिर उसका प्रयास या षड्यंत्र करने वाले को कम से कम 5 वर्ष तक जेल और 25,000 रुपए जुर्माना। वहीं मामले में अधिकतम जेल 10 वर्ष और अधिकतम जुर्माना एक लाख रुपए होगा।
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल ने कथित ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए 26 दिसंबर को ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020’ को मंजूरी दी थी। विधेयक को 28 दिसंबर से शुरू होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र में पेश किया कर पारित करवाना था, लेकिन कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते इस सत्र को रविवार को स्थगित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया, ‘मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 समेत जितने भी विधेयक विधानसभा सत्र स्थगित होने के कारण हम सदन में नहीं ला पाए, कल मंगलवार को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में अध्यादेश के माध्यम से उन्हें लागू करेंगे।’ उन्होंने कहा, ”मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो जायेंगे।