अधिकारियों और कर्मचारियों को दायित्वों के प्रति निष्ठा और लगन का आवाहन करते हुये उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पदोन्नतियों की पात्रता में ढिलाई बरत कर उनकी सरकार ने 299 तहसीलदारों को प्रान्तीय सिविल सेवा (पीसीएस) अधिकारी बनने का रास्ता साफ किया।
उत्तर प्रदेश प्रान्तीय सिविल सेवा (प्रोन्नत अधिकारी) संघ के अधिवेशन को सम्बोधित करते हुये श्री योगी ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को विचार करना होगा कि राजकीय सेवा औपचारिकता नहीं है बल्कि समाज, देश और प्रदेश की सेवा का अप्रतिम अवसर है। हर संवर्ग के अधिकारी को हर रोज एक घण्टे जनसुनवाई कर जन शिकायतों का निराकरण करना चाहिये।
उन्होने कहा कि उनकी सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के कल्याण के लिये कई प्रभावी कदम उठाए हैं। उनकी सेवा सम्बन्धी लम्बित प्रकरणों का शीघ्रता से निस्तारण किया गया है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में तीन बार डीपीसी कर तहसीलदार संवर्ग के 299 अधिकारियों को प्रान्तीय सिविल सेवा में प्रोन्नति दी गई है, जबकि यह पदोन्नतियां वर्षों से लम्बित थीं। इन प्रोन्नतियों के लिये पात्रता में शिथिलीकरण भी किया गया है।
श्री योगी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कार्यरत लगभग 1000 प्रान्तीय सिविल सेवा के अधिकारियों में 60 प्रतिशत प्रोन्नत अधिकारी हैं। इससे राज्य सरकार की कर्मियों के हित के प्रति मंशा स्पष्ट है। सरकार भी अधिकारियों, कर्मचारियों से अपने दायित्वों का पूरी प्रतिबद्धता, निष्ठा, लगन और परिश्रम के साथ निर्वहन करते हुए अच्छे परिणाम दिये जाने की अपेक्षा करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिणाम देने के लिए विशेष अवसर की जरूरत नहीं होती है। मौजूदा तंत्र में भी अच्छे परिणाम दिये जा सकते हैं। इसके लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की आवश्यकता होती है। दायित्वों का प्रतिबद्धता और निष्ठा के साथ निर्वहन करने से सन्तुष्टि मिलती है। सेवा से बढ़कर कोई धर्म और पुण्य का कार्य नहीं है। इस संवर्ग के अधिकारियों का जनता से सीधा जुड़व होता है। सभी को जनता की सेवा निष्पक्ष भाव से पुण्य समझकर करनी चाहिए। पुण्य और सेवा भाव से किये गये कार्य में दीर्घ कार्यावधि पीड़ नहीं, खुशी देती है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी प्रतिदिन 17 से 18 घण्टे पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करते हैं। इससे उन्हें आत्मिक संन्तुष्टि प्राप्त होती है।
श्री योगी ने कहा कि जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अनुभव किया है कि 90 प्रतिशत से अधिक मामले राजस्व और पुलिस विभाग से सम्बन्धित होते हैं। समय से इन प्रकरणों का समाधान न होने पर बड़ विवाद पैदा हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर संवर्ग के अधिकारी को प्रतिदिन सुबह साढ़ नौ से साढ़ दस बजे तक एक घण्टे जनसुनवाई की जानी चाहिये। इससे जन शिकायतों का प्रभावी समाधान सम्भव होगा।