भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच कर रही पुणे पुलिस को इस मामले के तार कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से जुड़ते दिख रहे हैं। पुलिस ने दिग्विजय सिंह से पूछताछ कर सकती है। पुणे पुलिस ने माना है कि माओवादी समर्थक नेताओं के मोबाइल नंबरों की जांच के दौरान एक नंबर मिला था। अब पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि यह नंबर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का ही है।
पुणे पुलिस के डीसीपी सुहास बावचे ने कहा कि यह जांच बहुत संवेदनशील और हाई प्रोफाइल लोगों से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में सभी ऐंगल से पड़ताल कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम दिग्विजय सिंह को जांच में जुड़ने के लिए समन भी कर सकते हैं। इससे पहले बीजेपी नेता संबित पात्रा ने आरोप लगाए थे कि दिग्विजय सिंह के कनेक्शन्स नक्सलियों के साथ हैं।
बीजेपी के इस आरोप पर वरिष्ठ कांग्रेस ने बेहद सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर बीजेपी मुझ पर नक्सली होने के आरोप लगा रही है तो सरकार मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं करती? कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें पहले भी देशद्रोही कहा जा चुका है, इसलिए सरकार उन्हें गिरफ्तार करे।
देशद्रोही कहे जाने से नाराज दिग्विजय सिंह गिरफ्तारी देने भोपाल पहुंचे थे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा उन्हें देशद्रोही कहे जाने के विरोध में गुरुवार को भोपाल में अपनी गिरफ्तारी देने पहुंचे। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान सतना में कहा था कि दिग्विजय सिंह की हरक़तें देशद्रोही के समान हैं।
दिग्विजय उसी के विरोध में गिरफ्तारी देने आए हैं कि ‘अगर मैं देशद्रोही हूं तो मुझे गिरफ़्तार करो’ शिवराज सिंह ने 19 जुलाई को सतना में कहा था कि दिग्विजय सिंह पर तरस आता है। उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी से निकाल दिया गया है। हिन्दू आतंकवाद का नाम देकर उन्होंने देश का अपमान किया है, आतंकवादी के घर जाना देशद्रोही की श्रेणी में आता है। ऐसे लोग छपास रोग से ग्रस्त हैं।
शिवराज के इसी बयान पर दिग्विजय सिंह ने आपत्ति जताई थी और 21 जुलाई को उन्हें खत लिखा था। दिग्विजय सिंह ने खत में लिखा था कि, ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मुझे ‘देशद्रोही’ मानते हैं। जहां तक मुझे मालूम है मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिसकी वजह से संवैधानिक पद पर विराजमान मुख्यमंत्री की नजरों में मैं देशद्रोही की श्रेणी में आता हूं।
दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान के पास मेरे देशद्रोही होने के जो भी सबूत हैं उन्हें वो प्रशासन को सौंप दें, ताकि मेरी गिरफ्तारी हो सके। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने खत में लिखा था कि वो 26 जुलाई को भोपाल के टीटी नगर थाने में आकर गिरफ्तारी देंगे। दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को चेतावनी देते हुए ट्वीट भी किया था कि बिना सबूत मुझ पर इतना बड़ा आरोप लगा दिया तो उन्हें मुझ से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा मुझे माननीय अदालत की शरण में जाना ।