उन्होंने कहा, ‘देखना पड़ेगा कि यह सच है या गलत। हमें उस शख्स के पोस्ट की सत्यता जांचनी होगी, जिसने आरोप लगाए हैं। मेरा नाम इस्तेमाल करते हुए भी आप कुछ भी लिख सकते हैं।’ हालांकि, इस मामले की जांच की जाएगी या नहीं, इस पर उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। लेकिन शाह ने इतना जरूर कहा कि ‘इस पर जरूर सोचेंगे।’
#MeToo कैंपेन के तहत तमाम महिलाएं आपबीती शेयर कर रही हैं और बता रही हैं कि जीवन के किस हिस्से और किस वक्त में उन्हें यौन शोषण का शिकार पड़ा या उनसे काम के बदले फेवर मांगा गया। इसी कड़ी में कुछ महिला पत्रकारों ने मौजूदा केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और वरिष्ठ पत्रकार रहे एमजे अकबर के खिलाफ गंभीर इल्जाम लगाए हैं।
केंद्रीय मंत्री पर लगातार सामने आ रहे आरोपों पर कांग्रेस घेराबंदी कर रही है। इस मामले में बीजेपी की चुप्पी भी सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसके बीच अमित शाह का ये बयान सामने आया है। मोदी सरकार ने ऐसे मामलों की जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है। वरिष्ठ न्यायविद् और कानून के पेशे से जुड़े लोग इस कमेटी के मेंबर होंगे और सारे मामलों की जांच करेंगे।