तीन मूर्ति में पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिये संग्रहालय बनाने के सरकार के फैसले का बचाव करते हुए एनएमएमएल निदेशक शक्ति सिन्हा ने इस पर आपत्ति के पीछे कांग्रेस की मंशा पर आज सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने उस वक्त चिंता नहीं जताई जब संपदा का कुछ हिस्सा वैसे सार्वजनिक इस्तेमाल के लिये दिया गया जिनका जवाहरलाल नेहरू से कोई लेना-देना नहीं था।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस सप्ताह की शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नयी दिल्ली में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) की ‘प्रकृति में बदलाव’ नहीं करने और उसे ‘जस का तस रहने देने’ का अनुरोध किया था।
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संस्थान के निदेशक ने कहा कि प्रस्तावित संग्रहालय किसी भी तरह से देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विरासत को कमजोर नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘तीन मूर्ति संपदा का आकार छोटा हो गया है। एनएमएमएल से असंबद्ध एक तारामंडल बनाया गया। कुछ जमीन दिल्ली पुलिस को दी गई है। अगर इनमें से किसी ने नेहरू की विरासत को प्रभावित नहीं किया तो भारत के लोकतंत्र का जश्न मनाने को कैसे नकारात्मक रूप में देखा जा सकता है जबकि उसे स्थापित करने में नेहरू की महत्वपूर्ण भूमिका थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल, संग्रहालय बनने के बाद हमारे पास मौजूदा समय की तुलना में अधिक सूचना होगी। मैं नहीं समझता कि क्यों लोगों को इससे असहज होना चाहिये।’’
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सिंह ने मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में एनएमएमएल की प्रकृति को बदलने का कोई प्रयास नहीं किया गया था।
सिंह ने अपने पत्र में कहा था, ‘‘इस भावना का सम्मान करें और तीन मूर्ति को हमारे प्रथम प्रधानमंत्री के स्मारक के तौर पर रहने दें और तीन मूर्ति परिसर के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करें। इस तरीके से हम इतिहास और विरासत दोनों का सम्मान करेंगे।’’
सिन्हा ने कहा कि संग्रहालय के संग्रह का केवल 30 फीसदी नेहरू के स्मृति चिह्न हैं जबकि पुस्तकालय में दस्तावेज और अन्य सामान नेहरू से महज दो फीसदी संबंधित हैं।
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उन्होंने कहा, ‘‘कई तस्वीरें धुंधली हो गई हैं जबकि नेगेटिव भी उपलब्ध नहीं हैं। एनएमएमएल ने नेहरू की गैलरी को अपग्रेड करना शुरू कर दिया है और उसका कवरेज तकरीबन चार गुना बढ़ गया है। कवरेज कालानुक्रमिक और विषय संबंधी होगा। प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके इसे इंटरऐक्टिव बनाया जाएगा। हालांकि, उसकी सराहना करने की जगह हम पर नेहरू की विरासत को कुचलने का आरोप लगाया जा रहा है, जो तथ्यों से पूरी तरह परे है।’’
सिन्हा ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में से 50 वर्ष कांग्रेस के प्रधानमंत्री रहे हैं, इसलिये वह भी दिखेगा। एनएमएमएल की पिछले महीने 43 वीं आम वार्षिक बैठक हुई थी, जिसमें एनएमएमएल सोसाइटी के छह सदस्यों ने मौजूदा परिसर में पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिये संग्रहालय बनाने के प्रस्ताव का विरोध किया था। हालांकि, इस विचार को बैठक की अध्यक्षता कर रहे गृह मंत्री ने हरी झंडी दे दी थी।