हरिद्वार : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि वनवासी समाज वह समाज है जो वास्तव में प्रकृति को संरक्षित कर रहे हैं और वनवासी कल्याण आश्रम इस समाज को विकसित कर भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का काम कर रहा है। ये लोग आधुनिक सुख सुविधाओं के मोह से अलग प्राकृतिक संसाधनों पर अपना जीवन व्यतीत करने में प्रसन्न हैं।
वनवासी कल्याण आश्रम आदिवासी समाज के प्रति अन्य लोगों में संवेदनशीलता का भाव जगाने का कार्य कर रहा है, जोकि प्रशंसनीय है। यह बात मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को पंतजलि योगपीठ के योग भवन में वनवासी कल्याण आश्रम की ओर से आयोजित तीन दिवसीय बैठक का शुभारंभ करते हुए कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पूर्वोत्तर के प्रहरी वसंतराव भट की पुस्तक का विमोचन किया।
उन्होंने वनवासी समाज के लिए किये गये इंतजामों के लिए आचार्य बालकृष्ण का धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण के प्रयासों से पूर्व से पश्चिम तक उत्तर से दक्षिण तक आदिवासी समाज मुख्यधारा में शामिल हो रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, धर्म संस्कृति से जुड़ककर पूरा भारत एक हो रहा है। आदिवासी कल्याण आश्रमों के माध्यमों से देश की कमजोर कड़ी को मजबूत बनाने का कार्य किया है।