राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. ए. फातमी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हाल में पूरे देश में जगह-जगह हुई हिंसा के मामलों की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
फातमी ने कहा कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के साथ-साथ देश के विभिन्न इलाकों में हुई हिंसा में मासूमों पर ज्यादती करने वाली पुलिस के खिलाफ तभी कार्रवाई होगी जब न्याय की रक्षा के लिए न्यायपालिका खुद जिम्मेदारी लेगी।
पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने मांग की कि देश में जगह-जगह हाल में हुई हिंसा की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भड़काऊ और ध्रुवीकरण करने वाले बयान जारी कर रहे हैं और पुलिस अधिकारी हिंसा की आग को बुझाने की बजाय उसमें घी डालने का काम कर रहे हों तो उस सूरत में सिर्फ अदालतें ही देश और समाज की रक्षा कर सकती हैं।