पटना : देश के किसानों की समस्या बढ़ जाने से स्थिति बद से बदत्तर हो गयी है। जिससे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। केन्द्र सरकार किसानों की समस्याओं की अनदेखी करेगी तो भारतीय किसान यूनियन सड़क पर उतर कर जन आन्दोलन कर केन्द्र व राज्य सरकार में बैठे किसान विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकेगे।
ये बातें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव सह बिहार प्रभारी अनिल तलान ने प्रदेश कार्यसमिति सह जिलाध्यक्षों की बैठक के बाद प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों को डेढ़ गुणा फसल के कीमत अधिक राशि भुगतान करने की घोषणा की थी लेकिन किसानों के उत्पादन के समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है।
उन्हेंने केन्द्र व राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ में क्षति हुए फसल के मद में आये रिलिफ फंड को दूसरे मद में खर्च किया जा रहा है। इन सभी मुद्दों को 15 अप्रैल तक पटना में महाधरना आयोजित की जायेगी। प्रदेश अध्यक्ष मनोज सिंह भारद्वाज ने कहा कि आज बिहार के किसानों की स्थिति बद से बदत्तर हो गयी।
चीनी मिल के बंद हो जाने के कारण किसानों के बकाये राशि का भुगतान नहीं होने से किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है। कोर्ट के आदेश पर मिलों की संपत्ति बिक्री होने के बावजूद किसानों को बकाया राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। आज भी संपत्ति बिक्री होने के बावजूद मोतिहारी के दो किसान जिन्होंने आत्महत्या की उन्हें बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ।
सरकार को चाहिए कि बाजार समिति को पुन: अस्तित्व में लाकर किसानों के फसल का उचित मूल्य पर खरीद बिक्री करे। प्रदेश प्रवक्ता जयप्रकाश चौधरी ने कहा कि जब तक कृषि को उद्योग का दर्जा नहीं दिया जायेगा तब तक किसानों की समस्याएं हल नहीं होगी।
राज्य में बड़े पैमाने पर मखाना, सिंघाड़ा, जूट एवं कई तरह के नकदी फसल उपजाये जाते हैं लेकिन उस पर सरकार से किसी तरह का अनुदान नहीं मिलने से किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं। इस अवसर पर योगेन्द्र राय, अजय कुमार सिंह, विद्यासागर सिह, राधेश्याम चौधरी, तेजनारायण सिंह, कौशलेन्द्र राय, रामकुमार चौधरी, शिवनारायण यादव, रामबाबू राय, दिगम्बर मिश्र, विनोद शर्मा शामिल थे।
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