चंडीगढ़/सिरसा : पूर्व उप-प्रधानमंत्री एवं किसान नेता चौधरी देवीलाल की जयंती के उपलक्ष्य में इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) और जननायक जनता पार्टी(जजपा) की 25 सितम्बर को क्रमश: कैथल और महम में होने वाले अलग अलग समारोहों में आने वाली भीड़ ही तय करेगी कि प्रदेश की सियासत में इनमें से किस दल की कितनी हैसियत है।
हालांकि चौटाला परिवार के साथ घनिष्ठ सम्बंध रखने वाले और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने हाल ही में इस परिवार के एक सामाजिक समारोह में इनेलो और जजपा से एकजुटता की अपील की थी लेकिन दोनों दलों के अलग-अलग जयंती समारोहों के आयोजन ने इस पर पानी फेर दिया है।
देवीलाल जयंती पर इनेलो हर वर्ष एक सम्मेलन आयोजित कर इसे एक पर्व के तौर पर मनाती रही है जिसके माध्यम से वह अपने कार्यकर्ताओं में एक नया जोश और अपनी भावी रूपरेखा का ऐलान करती रही है। इन समारोहों में विभिन्न राजनीतिक दलों दिग्गज नेता शिरकत करते रहे हैं।
दोनों दलों ने झोंकी ताकत
ऐसे में ये दोनों दल अब देवीलाल जयंती समारोह में अधिकाधिक भीड़ जुटा कर इसके माध्यम से प्रदेश की सियासत में ताकत का प्रदर्शन करने जुगत में है। दोनों ही दलों ने अपने अपने समारोहों को सफल बनाने के लिये दिन-रात एक कर दिया है। अभय चौटाला इनेलो और अजय चौटाला जजपा कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बैठकें कर उन्हें अधिकाधिक लोगों को समारोह स्थल तक लाने के लिये प्रेरित कर रहे हैं।
वैसे राज्य विधानसभा चुनाव भी सिर पर हैं ऐसे में इनमें से कौन सा दल जनता के बीच अपनी अधिक पैठ साबित कर पाता है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन सियासी पंडितों का मामना है कि जहां अधिक लोग जाएंगे उसी के आधार पर इन दलों की सियासी हैसियत तय होगी।