भोपाल: वैज्ञानिक प्रयोगों को प्रोत्साहन देने के लिए 50 करोड़ का विशेष कोष बनाया जायेगा। बाल वैज्ञानिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है। विद्यार्थी अपनी प्रतिभा को पहचानें और उसे कभी धूमिल नहीं होने दें और आगे बढ़ने का जज्बा रखें। 21वीं सदी युवाओं की सदी है और वे ही नये भारत का निर्माण करेंगे।
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासन अकादमी में 44वीं जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान, गणित तथा पर्यावरण प्रदर्शनी 2017 का शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कही। 16 नवम्बर तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का आयोजन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में भाग ले रहे विद्यार्थियों को संबोधित करते हुये कहा कि आज का आरामदेह जीवन और सभी सुख-सुविधायें वैज्ञानिकों की प्रतिभाओं का परिणाम है। उन्होंने कहा कि विज्ञान में जीवन की हर समस्या का समाधान है।
उन्होंने बाल वैज्ञानिकों का आव्हान करते हुए कहा कि वे मौलिक रूप से सोचने की आदत डालें, जो कि उन्हें आविष्कार करने में मदद देगी। उन्होंने मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना और वेंचर केपिटल फंड जैसे नवाचारी प्रयासों की चर्चा करते हुये कहा कि धन के अभाव में प्रतिभाओं को पीछे नहीं रहने देंगे। उन्होंने कहा कि न्यूयार्क विश्वविद्यालय के सहयोग से प्रदेश मे इनक्यूबेशन केन्द्र की स्थापना की जा रही है। इसके माध्यम से विचारों और प्रयोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा।
इस बीच मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में रखे मॉडलों का अवलोकन किया और विद्यार्थियों के वैज्ञानिक सोच की सराहना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा प्रकाशित ‘कोशिश पुस्तक का विमोचन किया। इसमें बाल वैज्ञानिकों द्वारा बनाये गये मॉडलों का संग्रहण किया गया है।