भारत के चंद्र लैंडर विक्रम की चांद पर सफल लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए तमिलनाडु में तंजावुर जिले के चंद्रनार मंदिर में विशेष प्रार्थना की गई। विक्रम शुक्रवार देर रात चंद्रमा पर उतरेगा।
एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए मंदिर में पूर्जा-अर्चना कर चंद्र देव का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त किया गया। चंद्रनार/श्री कैलाशनाथन मंदिर के प्रबंधक वी. कनन ने कहा, ‘हमने चंद्रन का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शुक्रवार शाम को एक विशेष ‘अभिषेकम’ और ‘अर्चना’ की।’
उन्होंने कहा कि 2008 में चंद्रयान-1 मिशन की सफलता के लिए भी एक विशेष पूजा आयोजित की गई थी।
कनन ने कहा, ‘हमने 15 जुलाई से पहले कोई विशेष प्रार्थना नहीं की थी, जब चंद्रयान-2 को लॉन्च करने की योजना बनाई गई थी। कुछ तकनीकी समस्या के कारण लॉन्च को टाल दिया गया था।’
उन्होंने कहा, ‘हमने सोचा कि चंद्र देव की पूजा नहीं करने के कारण ही यह तकनीकी गड़बड़ी हुई होगी। इसलिए 22 जुलाई को चंद्रयान-2 के लॉन्च होने से पहले विशेष प्रार्थना अभिषेकम और अन्नधानम का आयोजन किया गया।’
इस मंदिर में पीठासीन देवता सोम (चंद्रमा) हैं, जबकि मुख्य देवता भगवान शिव हैं।
चंद्रनार मंदिर कुंभकोणम के पास स्थित नवग्रह मंदिरों में से एक है। श्रद्धालु इन मंदिरों में प्रार्थना करते हैं, ताकि उन्हें ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव से छुटकारा मिल सके।
कनन के अनुसार, लगभग 500 श्रद्धालु प्रतिदिन चंद्रनार मंदिर आते हैं। वहीं सोमवार को इनकी संख्या लगभग पांच हजार तक पहुंच जाती है।
नवग्रह मंदिर में सूर्यनार (सूर्य), चंद्रनार (चंद्रमा), अंगारगण (मंगल), बुधन (बुध), गुरु (बृहस्पति), सुखरान (शुक्र), शनि, राहु और केतु प्रतिस्थापित हैं।