पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 13,000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में वांछित भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी ने मुंबई के स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट में दिए जवाब में कहा है कि वह भारत नहीं लौटेगा। साथ ही उसने यह भी कहा है कि उसने कुछ गलत नहीं किया।
विशेष पीएमएल कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने याचिका दाखिल कर नीरव मोदी को आर्थिक भगोड़ा घोषित करने की मांग की और कहा कि उसकी पूरी संपत्ति जब्त की जाए। कोर्ट ने इस बाबत नीरव मोदी से जवाब मांगा था कि उसे आर्थिक अपराधी घोषित क्यों न किया जाए। इस पर जवाब में मोदी ने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
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मोदी ने कहा कि पीएनबी स्कैम सिविल ट्रांजेक्शन थी और उस मामले को तूल दिया जा रहा है। मैं सुरक्षा कारणों से देश वापस नहीं लौट सकता। नीरव मोदी ने कोर्ट को बताया कि उसने जो भी ट्रांजेक्शन किए, वे सभी दीवानी प्रक्रिया के तहत आते हैं और यह यह कोई आपराधिक जुर्म नहीं है।
चोकसी की थाईलैंड फैक्टरी जब्त करेगी ईडी
वही, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि उसने 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) घोटाले की जांच के सिलसिले में मेहुल चोकसी के गीतांजलि समूह की कंपनी एब्बेक्रेस्ट लि. की थाईलैंड में एक फैक्ट्री को जब्त करने का अनुरोध भेजा है, जिसकी कीमत 13 करोड़ रुपये है। वित्तीय जांच एजेंसी ने कहा कि उसने थाईलैंड के अधिकारियों के साथ संपत्ति को जब्त करने का आवेदन धनशोधन निवारक अधिनियम के तहत भेजा है।
ईडी अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि पंजाब नेशनल बैंक से फर्जी दस्तावेजों के सहारे लिए गए 92.3 करोड़ रुपये मूल्य के लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयूज) का लाभार्थी एब्बेक्रेस्ट (थाईलैंड) लि. रही है।
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बता दें कि मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी कर रही हैं। ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर पिछले साल 15 फरवरी को दोनों आरोपियों के खिलाफ मनी लांडरिंग का मामला दर्ज किया था। ईडी अब तक चोकसी और नीरव मोदी की 4,765 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है।