चंडीगढ़ : विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए दिल्ली में जुटे हरियाणा के कांग्रेस दिग्गज आपस में भिड़ पड़े। लोकसभा चुनाव में मिली करार हार के बाद जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों ने मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक तंवर के विरुद्ध जमकर मोर्चा खोल दिया, वहीं अशोक तंवर को इस बार भी जीवन दान मिल गया है। तंवर के बचाव की वजह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश बनी है।
हुड्डा समर्थक विधायक जहां आखिर तक तंवर के इस्तीफे की मांग पर अड़े रहेे, वहीं प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद ने यह कहकर उन्हें मनाने की कोशिश की कि यदि तंवर ने इस्तीफा दे दिया तो उसे स्वीकार करने की पावर किसके पास होगी, क्योंकि खुद राहुल गांधी के इस्तीफ की पेशकश पर अभी निर्णय लिया जाना बाकी है। हरियाणा के कांग्रेस दिग्गज नेताओं की नई दिल्ली में हुई बैठक बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। करीब दो घंटे तक चली बैठक में हुड्डा समर्थक विधायकों ने अशोक तंवर की घेराबंदी की।
उन्होंने पिछली बैठक की तरह इस बार भी कहा कि राज्य में संगठन नहीं होने के कारण कांग्रेस को पराजय का मुंह देखना पड़ा। हुड्डा समर्थक विधायकों ने दो टूक कहा कि किसी भी जिले में न तो संगठन है और न ही किसी ब्लाक में पार्टी कार्यकर्ता सक्रिय हैं। संगठन के अभाव में पार्टी को लंबे समय से नुकसान उठाना पड़ रहा है। हुड्डा समर्थक विधायक आखिर तक अशोक तंवर के इस्तीफे की जिद पर अड़े रहे। तंवर के हक में हालांकि महेंद्र प्रताप सिंह, अवतार सिंह भड़ाना और कैप्टन अजय सिंह यादव खड़े नजर आए, लेकिन उनकी भी एक नहीं चली।
गुलाम नबी आजाद को कहना पड़ा कि तंवर का इस्तीफा समस्या का समाधान नहीं है। अभी खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस्तीफे पर फैसला होना बाकी है। यदि तंवर ने इस्तीफा दे भी दिया तो उसे कौन स्वीकार करेगा, क्योंकि इस्तीफा स्वीकार करने की पावर राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी की नहीं होती। इसलिए तंवर के इस्तीफा पर बाद में कोई निर्णय लिया जाएगा। झज्जर की विधायक गीता भुक्कल ने किरण चौधरी पर निशाना साधा, भुक्कल कहने लगी विधायकों की कोई पूछ नहीं हो रही। किरण चौधरी बोली एक व्यक्ति विशेष की छात्रछाया से बाहर निकालो उनका इशारा हुड्डा की ओर था। विधायक रघुवीर कादियान ने तो खुलकर कहा कि हरियाणा की कमान भूपेन्द्र हुड्डा के परिवार को ही सौंपी जाएं।
बैठक में अन्य किसी मुद्दे पर अधिक चर्चा नहीं हुई। हालांकि प्रदेश प्रभारी ने सभी नेताओं से विधानसभा चुनाव में जुट जाने को कहा, लेकिन बताते हैं कि हुड्डा समर्थक विधायकों ने साफ कह दिया कि जब तक तंवर के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं होता, तब तक बात नहीं बनने वाली है। इस बैठक के दौरान तंवर और हुड्डा समर्थकों के बीच नोकझोंक होने की खबरें भी सामने आई हैं। बैठक के बाद किसी भी नेता ने मीडिया से बात नहीं की और अशोक तंवर तेजी से गाड़ी लेकर मीटिंग के बाद चले गए।
कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने बैठक के बाद कहा कि संगठन और चुनाव पर चर्चा हुई है। कांग्रेस के प्रमुख पार्टी नेता एक बार फिर से बैठक करेंगे। उन्होंने अन्य किसी बातचीत की जानकारी होने से इंकार किया है। सूत्रों के अनुसार हुड्डा समर्थक अब तंवर के इस्तीफे से कम पर राजी नहीं होंगे, जबकि तंवर पहले ही ऐलान कर चुके कि यदि हाईकमान चाहेगा तो वह विधानसभा चुनाव तक नहीं लड़ेंगे। बताया जाता है कि अगले कुछ दिनों बाद फिर से कांग्रेस की बैठक होगी, जिसमें संगठन में बदलाव की रणनीति को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
(राजेश जैन)