भिवानी : भिवानी सीआईए पुलिस ने एक ऐसे नकली नोट गिरोह का पर्दाफाश किया है जिसने जेल में रहते लोगों को ठगने की अजीब सी योजना बनाई। योजना ऐसी कि लोग रातों रात करोड़पति बनाने के चक्कर में इनके जाल में आसानी से फं स जाएं। पुलिस के मुताबिक सीआईए टीम दिल्ली सिरसा रोड़ स्थित मुंढाल चौक पर चैकिंग कर रही थी। इसी दौरान सीआईए पुलिस टीम ने एक गाडी के पास तीन युवकों को लडते देखा। पुलिस ने जब इनसे लड़ाई का कारण जाना तो वो युवक सहम गए।
पुलिस ने संदेह के आधार पर तीनों को गिरफ्तार किया। पुलिस टीम ने गाड़ी की तलासी ली तो उसमें रखे नोटों के बैग देख कर हैरान रह गई। गाड़ी में कई बैग ऐसे थे जो नोटों से भरे हुए थे। साथ ही गाड़ी की नंबर प्लेट पर फर्जी नंबरों को टेप लगाई हुई थी। जब मामले की गहराई से पुछताछ की तो पता चला कि ये एक गिरोह है जो लोगों को असली नोटों के बदले तीन गुणा नकली नोट देकर रातों रात करोङ पति बनाने का झांसा देकर ठगी करता है।
सीआईए टीम के जांच अधिकारी एएसआई अनिल कुमार ने बताया कि नरवाना के वार्ड नंबर 23 निवासी विजयए हिसार जिला के गांव पिरावाली निवासी रणजीत व सतनाम को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि ये युवक भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फं साते और असली नोटों के बदले असली की तरह दिखने वाले तीन गुणा नकली नोट देने का झांसा देते।
उन्होने बताया कि ये बङी ही सफाई से सफेद कागजों की गढ़ी बनाकर उसके उपर व नीचे एक.एक नोट असली लगा देते। 3 एएसआई अनिल कुमार ने बताया कि ये तीनों युवक पहले भी हिसार जिला के सदर थाना क्षेत्र में ठगी के कई मामले कर चुके हैं। जिनके चलते ये हिसार जेल में बंद थे। इस बार इन्होंने हिसार जेल में लोगों को झांसे में लेकर नकली नोटों के नाम पर रातों रात करोङपति बनने की योजना बनाई।
उन्होने बताया कि इनकी गाङी से बैगों में रखे एक लाख 56 हजार 500 रुपये के असली नोट और नोटों से साईज के 2548 सफेद कागज मिले हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल तीनों युवकों से पुछताछ जारी है। बताया जाता है ये ठग जिसे भी अपने जाल में फंसाते सबसे पहले उसे सैंपल के नाम पर असली नोटों को नकली कहकर दिखाते और एक नोट चैक करने के लिए भी दे देते थे।
नोट असली होता था इसलिए इनके जाल में फं सने वाली मान बैठता कि ये नोट कहीं भी चल सकते हैं। साथ में जाल में फं साने वाले और पुलिस को गुमराह करने के लिए ये लोग अपनी गाङी पर फर्जी नंबरों की टेप लगा लेते थेए ताकि इनके जाल में फंसने वाला या पुलिस इन्हे नंबर प्लेट के आधार पर पकड़ना सके। इसके साथ ही ये एक और होशियारी करते थे।
ये जिसे भी अपने जाल में फंसाते उससे कम से कम पांच से दस लाख रुपये बदलने की शर्त रखते थे। साथ ही सामने वाले से उसके असली नोटों के फोटो भी मंगवाते ताकि इनके साथ किसी तरह की हैराफेरी न हो। अब पुलिस इनसे पुछताछ कर रही है कि अब तक इन्होंने कितने लोगों को अपने जाल में फंसाया और कितने रुपये की ठगी की।
(दीपक खंडेलवाल)