नई दिल्ली : नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को कहा कि जेट एयरवेज की फिलहाल 41 उड़ानें परिचालन की स्थिति में रह गयी हैं और आने वाले सप्ताह में इनेमें और कमी आ सकती है। डीजीसीए का मानना है कि जेट एयरवेज के मामले में स्थितियां तेजी से बदलती जा रही हैं। जेट एयरवेज की वेबसाइट के अनुसार एयरलाइन के पास कुल 119 विमानों का बेड़ा है। पिछले कुछ सप्ताह से एयरलाइन की उड़ानें रद्द होने से यात्री अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर कर रहे हैं और परिचालित विमानों की संख्या में निरंतर कमी के साथ यह दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
वित्तीय समस्याओं से जूझ रही एयरलाइन अब नये कोष जुटाने के उपायों पर गौर कर रही है। डीजीसीए प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि महानिदेशालय ने जेट एयरवेज के परिचालन, उड़ान क्षमता तथा यात्री सुविधाओं के आधार पर प्रदर्शन की मंगलवार को समीक्षा की। फिलहाल परिचालन के लिये 41 विमान बेड़े में है और उसके अनुसार 603 घरेलू तथा 382 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों का निर्धारण किया गया है। हालांकि स्थिति बदलती रहती है और आने वाले सप्ताह में इसमें और कमी आ सकती है।
प्रवक्ता के अनुसार डीजीसीए ने समय पर सूचना, क्षतिपूर्ति, रिफंड और जरूरत के मुताबिक वैकल्पिक उड़ान उपलब्ध कराने के संदर्भ में यात्रियों की जरूरतों के लिये एयरलाइन को नागर विमानन जरूरतों (सीएआर) के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि डीजीसीए नियमित आधार पर आंकड़ों की निगरानी कर रहा है। जेट एयरवेज के एयरक्राफ्ट इंजीनियरों के संगठन ने मंगलवार को विमानन नियामक को पत्र लिखकर कहा कि तीन महीने का वेतन बकाया है और उड़ान सुरक्षा खतरे में है।
अग्रिम बुकिंग करा चुके यात्री असमंजस में : जेट एयरवेज में अग्रिम बुकिंग करा चुके यात्री रद्द उड़ानों की दिनों दिन बढ़ती संख्या को लेकर असमंजस में हैं। एक यात्री तान्या थॉमस ने बताया कि उन्होंने कोच्चि के लिए जेट एयरवेज में अप्रैल की टिकट बुक करायी है। सोमवार रात उनके पास ईमेल आया कि वह उड़ान रद्द हो गयी है। इसके बाद आज सुबह एसएमएस आया कि उड़ान दुबारा उसी समय पर निर्धारित की गयी है। इस तरह यात्रियों में अनिश्चतता की स्थिति बन रही है।
पायलटों ने उड़ान बंद करने की चेतावनी दी
वित्तीय तंगी से जूझ रही जेट एयरवेज के घरेलू पायलटों के संगठन ने मंगलवार को चेतावनी दी कि अगर समाधान योजना में देरी होती है और उनके बकाया वेतन का भुगतान इस माह के अंत तक नहीं किया जाता है तो एक अप्रैल से उड़ान रोक दी जाएगी। जेट एयरवेज घरेलू पायलटों के निकाय नेशनल एविएटर्स गिल्ड की 90 मिनट से अधिक चली सालाना बैठक में इस आशय का निर्णय किया गया। गिल्ड में एयरलाइन के करीब 1,000 घरेलू पायलट हैं। यह संगठन करीब एक दशक पहले अस्तित्व में आया था।
संगठन ने कहा कि अगर समाधान प्रक्रिया स्पष्ट नहीं हुई और वेतन भुगतान 31 मार्च तक नहीं हुआ, हम एक अप्रैल से उड़ानें बंद कर देंगे। वेतन के मामले में प्रबंधन से कोई आश्वासन नहीं मिलने के बाद गिल्ड ने पिछले सप्ताह ने श्रम मंत्री संतोष गंगवार को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया।
प्रभु ने बुलाई आपात बैठक
नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को जेट एयरवेज के मामले में अपने मंत्रालय के सचिव को आपात बैठक करने के निर्देश दिए। प्रभु ने यह निर्देश ऐसे समय में जारी किया है जब कर्ज के भारी बोझ से दबी जेट एयरवेज बड़ी संख्या में अपने विमानों को उड़ान भरने से रोक रही है। इस वजह से उसकी तमाम उड़ानें रद्द हो गई हैं। साथ ही वह भारी नकदी संकट का सामना भी कर रही है।
प्रभु ने एक ट्वीट में कहा कि नागर विमानन सचिव को जेट एयरवेज के मामले में आपात बैठक करने के निर्देश दिए हैं। एडवांस बुकिंग, उड़ानों के रद्द होने, रिफंड और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए कहा। प्रभु ने कहा कि उनसे (सचिव) नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से तत्काल जेट पर रपट मांगने को कहा गया है।