सीबीडीटी अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी के कारण कॉरपोरेट कर दाताओं की संख्या पिछले साल के सात लाख की तुलना में बढ़कर आठ लाख हो चुकी है। उन्होंने बताया कि कर संबंधी सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान के तहत 70 देश भारत के साथ सूचनाएं साझा कर रहे हैं। सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि इस साल अब तक 2.27 करोड़ रिफंड दिये जा चुके हैं।
यह संख्या भी पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में देश का कर दायरा 80 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कॉरपोरेट कर की दरें कम करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि कर व्यवस्था का अनुपालन अच्छा होना चाहिये ताकि सरकार दरें कम करने की स्थिति में आ सके।
चंद्रा ने यह भी बताया कि सीबीडीटी जल्दी ही आवेदन मिलने के चार घंटे के भीतर ई-पैन देने की शुरुआत करेगा। हम एक नयी प्रणाली सामने ला रहे हैं। एक साल या कुछ समय बाद हम चार घंटे में पैन देना शुरू कर देंगे। पहचान के लिये आधार देना होगा और आपको चार घंटे में ही ई-पैन मिल जाएगा।
चंद्रा ने कहा कि विभाग ने रिटर्न नहीं भरने वालों तथा ऐसे करदाता जिनकी रिटर्न के साथ उनकी आय का मिलान नहीं हो रहा है। ऐसे दो करोड़ लोगों को एसएमएस भेजे हैं। उन्होंने करदाताओं और कर अधिकारियों के बीच आमना सामना कम करने के विभाग के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि इस साल अब तक 70 हजार से अधिक मामलों में करदाता और कर अधिकारी के आमने सामने हुये बिना ऑनलाइन समाधान निकाला गया।