मुंबई : गत सप्ताह भारतीय शेयर बाजारों में उठा-पटक के बाद अंतिम वीरवार कार्य सत्र पर बीएसई व एनएसई में गर्मी दर्ज हुई। शुक्रवार अंतिम सत्र पर बीएसई में तेजी बरकरार रही। हालांकि एनएसई माइनर नरम हुआ। निवेशकों की लिवाली बढऩे से उक्त अवधि में बीएसई गत सप्ताह 32968.68 से छलांग लगाकर वीरवार 33596.80 अंक का स्तर छू गया था। अंतिम सत्र में भी कुछ और बढक़र 33601.73 अंक हुआ। हालांकि अभी चीन व अमेरिका के बीच टे्रड वार नियंत्रित न होने से दुनिया भर के शेयर बाजारों में मिला-जुला रुख रहा। आलोच्य सप्ताह बीएसई व एनएसई में काफी उठा-पटक चल रही थी। इसी बीच बुधवार-वीरवार को आरबीआई नीतिगत दरों पर बैठक के चलते उधार दर अपरिवर्तित रखने के समाचार थे।
कारण मुद्रास्फीति नियंत्रित थी, लेकिन सरकार ने जो बजट में कृषकों की फसल पर एमएसपी लागत डेढ़ गुणा बढ़ोत्तरी की थी, जिससे आने वाले महीनों में यानि प्रथम हॉफ में मुद्रास्फीति में कुछ़ बढ़ोत्तरी समझी जा रही है। फिलहाल गत सप्ताह वीरवार को ब्याज दरें पूर्वस्तर पर ही बनी रहने से इस अवधि में बीएसई व एनएसई में निवेशकों की लिवाली लगभग 99 प्रतिशत होने से भारी उछाल आ गया, जिसमें बैंकों से लेकर ऑटो, इंजीनियरिंग गुड्स, तेल व अन्य इन्फ्रा क्षेत्र के शेयरों में अच्छी वृद्धि देखी गयी। दोनों सूचकांक इस दिन क्रमश: 33596.80 व 10325.15 अंक पर पहुंच गये। अंत में भी बीएसई बढ़त में रहा, लेकिन एनएसई कुछ नरम बंद हुआ था।
बीएसई अंत में लगभग 70-75 प्रतिशत शेयरों में निवेशक लिवाली से बढक़र बंद हुआ था। वैसे गत एक फरवरी के बाद से ही दोनों सूचकांकों में उथल-पुथल होने से निवेशकों का विश्वास गिरता जा रहा था, जिससे बाजारों में मंदे के दर्शन हो रहे थे। मुख्य कारण बैंकों का कर्ज वापिसी अधर में लटक जाने एवं एनपीए समस्या में बढ़ोत्तरी होने से बैंकिंग लोन सिस्टम गड़बड़ा गया था। कारोबारियों को लोन बड़ी जद्दोजहद के बाद कुछ अंश ही देने की खबरें सुनी गयीं थीं, जिससे निवेशकों का हौंसला कमजोर पड़ जाने एवं बाजार पर विश्वास सूचकांक डाऊनफाल में आ गया था।
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