नई दिल्ली : सरकार ने देश में छत पर लगने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं के क्षेत्र में निष्क्रियता पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में 40 गीगावाट के लक्ष्य की तुलना में महज एक गीगावाट क्षमता हासिल की जा सकी है। सरकार इसके मद्देनजर कमियों को दूर करने के लिए नयी योजना तैयार कर रही है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव आनंद कुमार ने यहां कहा कि हमने 2022 तक 100 गीगावाट का लक्ष्य तय किया है। इसमें से 60 गीगावाट जमीन पर लगने वाली सौर परियोजनाओं तथा 40 गीगावाट छतों पर लगने वाली परियोजनाओं से हासिल की जानी हैं।
हमने इसकी तुलना में जमीन की परियोजनाओं में 16 गीगावाट और छत की परियोजनाओं में महज एक गीगावाट की क्षमता हासिल की है। सीआईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कुमार ने कहा कि मैं यह स्वीकार करता हूं कि छत की सौर ऊर्जा परियोजनाओं का काम सही नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा कि कई विद्युत वितरण कंपनियां छत की सौर ऊर्जा परियोजनाओं में रूचि नहीं दिखा रही है, इससे कुछ मुद्दे सामने आये हैं। इसके अलावा इसमें गुणवत्ता और कार्यक्रम के रखरखाव और संचालन से जुड़े मुद्दे भी उठे हैं। इन कमियों को दूर करने के लिये सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है।
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