हर किसी की तरह आपका भी सपना होगा अपना घर खरीदने का पर सबसे पहले आपको ये जानने की जरुरत है की नया घर खरीदने के लिए ये सही वक्त है या नहीं। ताज़ा बाजार की स्थिति की जानकारी होना आपके लिए बहुत जरुरी है जिससे आपको वाजिब दाम पर घर मिलने में आसानी होगी ।आज हम आपके लिए लाये है रियल एस्टेट से जुडी कुछ खास जानकारियां जिनसे आपको पता चलेगा की ये वक्त घर खरीदने के अनुकूल है या नहीं।
मुम्बई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और पुणे में नई आवासीय परियोजनाओं का प्रक्षेपण और रियल एस्टेट अधिनियम अनुपालन (विनियमन और विकास) , नई आवासीय परियोजनाओं का शुभारंभ के बाद बाजार 41 प्रतिशत नीचे आया है । एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 के पहले छमाही में यह पिछले सात सालों में सबसे कम स्तर पर है ।
पहली छमाही की तुलना में शुरूआत में 73 फीसदी की गिरावट आई थी। चेन्नई केवल लॉन्च में वर्ष-दर-साल-दर-साल चार फीसदी की वृद्धि दर्ज करने वाला एकमात्र बाजार था। अहमदाबाद और दिल्ली एनसीआर में क्रमश: 79 फीसदी और 73 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। माना जाता है कि दोनों शहरों में घर की बिक्री में उच्च नकद केंद्र हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सालाना आधार पर बिक्री की मात्रा 11 फीसदी गिर गई है, जो पिछले पांच सालों में पहली आधी बिक्री में सबसे कम है। ”नोटबंदी, रीरा और जीएसटी सभी छह महीनों के अंतराल में आये और ये भी बिक्री पर थोड़े-थोड़े प्रभाव के कारण हैं।
”जीएसटी डेवलपर्स के लिए निर्माण लागत को कम कर देगा, लेकिन यह देखना होगा कि क्या वे उपभोक्ताओं को लाभ पर पास करेंगे या नहीं” ये तो आने वाला समय ही बताएगा। रीरा के भाग में, वैश्विक निवेशक अब पारदर्शिता के साथ प्रवेश करेंगे जिस वजह से विश्लेषक भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर को विनियामक, नीतिगत परिवर्तनों को देखते हुए इसे एक आकर्षक प्रस्ताव के रूप में देख रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार अनसॉल्ड इन्वेंट्री, इन आठ शहरों में 596,044 इकाइयों की दर्ज की गयी है ,”एनसीआर चार साल के इन्वेंट्री के साथ सबसे खराब बाजार था”। ‘ रेडी तो मूव ‘ श्रेणी में सूची में वृद्धि हुई है। एक्सपर्ट्स की माने तो अगर आप नया घर खरीदने का मन बना रहे है तो आपको अभी 2 से 3 साल और इन्तजार करना चाहिए, ताकि नए नियमों में पारदर्शीता आने पर स्थिति साफ़ हो सके।