वामदल ने कृषि कानून के विरोध में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में बिहार की राजधानी पटना में आज किसानों के राजभवन मार्च पर पुलिस के लाठीचार्ज की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए नीतीश सरकार को चेतावनी दी कि वह कृषक आंदोलन का दमन करने से बाज आए।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बिहार-झारखंड के प्रभारी एवं अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह ने किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसान आंदोलनों के दमन से बाज आएं। उन्होंने कहा कि बिहार के दूर-दराज के इलाकों से दस हजार से अधिक संख्या में किसान अपनी जायज मांगों को लेकर पटना आए थे और बिहार के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने संवेदनशील रवैया अपनाने की बजाए दमन का रास्ता अपनाया।
उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में बिहार में भी उठ खड़े हुए किसान आंदोलन को दमन के जरिए दबाना किसी भी सरकार के बूते की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों का यह आंदोलन सरकार को पीछे धकेलने के लिए मजबूर कर देगा। वहीं, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा- माले) के राज्य सचिव कुणाल ने किसानों के शांतिपूर्ण राजभवन मार्च पर पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और कहा कि सरकार को आंदोलित किसानों के प्रति संवेदनशील रुख अपनाना चाहिए लेकिन वह लाठी-गोली की भाषा बोल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार दमनात्मक कार्रवाइयों से बाज आए।