मुंबई पुलिस ने एक स्थानीय अदालत को बताया कि अदाकारा तनुश्री दत्ता द्वारा नाना पाटेकर के खिलाफ दर्ज कराए गए छेड़खानी के मामले में अभिनेता पर मुकदमा चलाने के लिए उसके पास कोई सबूत नहीं है।
हालांकि, 35 वर्षीय तनुश्री ने पाटेकर को दी गई ‘‘क्लीन चिट’’ पर निराशा जाहिर की और पुलिस तथा कानून प्रणाली को ‘भ्रष्ट’ करार दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पाटेकर को क्लीन चिट दिए जाने से महिलाओं को सार्वजनिक तौर पर अपनी ‘मी टू’ आपबीती बयां करने से नहीं डरना चाहिए।
तनुश्री दत्ता ने कहा, ‘‘एक भ्रष्ट पुलिस बल और कानून व्यवस्था कहीं अधिक भ्रष्ट व्यक्ति नाना (पाटेकर) को क्लीन चिट दे रही है, जिन पर अतीत में फिल्म जगत की कई महिलाओं ने दादागिरि दिखाने, धमकाने और प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं। ’’
तनुश्री ने कहा कि वह यह समझ पाने में नाकाम रही कि जब गवाहों के बयान तक दर्ज नहीं किए गए हैं ऐसे में ‘समरी रिपोर्ट’ कैसे सौंप दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गवाहों को धमका कर खामोश किया गया है और मामले को कमजोर बनाने के लिए फर्जी गवाह खड़े किए गए हैं। यह रिपोर्ट दाखिल करने की ऐसी क्या हड़बड़ी थी, जबकि मेरे गवाहों के बयान तक नहीं दर्ज किए गए हैं?’’
तनुश्री दत्ता ने कहा, ‘‘मैं न तो स्तब्ध हूं, ना ही आश्चर्यचकित हूं। भारत में महिला होने के नाते यह कुछ ऐसी चीज है जिसके हम सभी अभ्यस्त हैं। यदि बलात्कार के आरोपी आलोक नाथ को क्लीन चिट मिल गई और वह फिल्मों में लौट गए तो निश्चित रूप से प्रताड़ना के आरोपी नाना पाटेकर को…खुद के लिए क्लीन चिट पाना मुश्किल नहीं होने जा रहा है…।’’
तनुश्री दत्ता ने कहा कि उन पर हमले का 10 साल पुराना एक वीडियो लोगों के बीच उपलब्ध होने के बावजूद न्याय नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘‘इसके बाद भी, यदि आप उनकी (पाटेकर की) फिल्में देखने का फैसला करते हैं और उनका समर्थन करते हैं तो यह आपके बुरे कर्म हैं।’’
तनुश्री दत्ता ने कहा, ‘‘ भ्रष्ट प्रणाली के खिलाफ अकेले लड़ते हुए वह थक गई हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘निहायत ही घटिया लोगों को सोशल मीडिया और अन्य मंचों को जरिए बेनकाब करना जारी रखें तके भविष्य में ऐसे लोग किसी बेकसूर युवती को परेशान करने से पहले दो बार सोचें। ’’