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जेटली ने चुनाव बांड का किया बचाव, विरोधियों को विकल्प सुझाने को कहा

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरूवार को चुनावी बांड का बचाव करते हुए कहा कि अगर दान दाताओं को उनके नाम का खुलासा करने के लिये मजबूर किया जायेगा

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने गुरूवार को चुनावी बांड का बचाव करते हुए कहा कि अगर दान दाताओं को उनके नाम का खुलासा करने के लिये मजबूर किया जायेगा तब नकदी और कालेधन के माध्यम से राजनीतिक फंडिंग की व्यवस्था लौट आयेगी ।

चुनाव बांड का मामला महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्र और चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय में इस बारे में विपरीत रुख व्यक्त किया है। केंद्र ने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि इससे राजनीतिक वित्त पोषण में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा वहीं आयोग ने कहा कि कानून में किए गए बदलावों के गंभीर नतीजे होंगे। सरकार ने पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को नकद दान के विकल्प के तौर पर 2018 में चुनाव बांड योजना पेश की थी जिसमें दानदाताओं का नाम केवल बैंकों को पता होगा ।

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जेटली ने कहा, ‘‘ अगर आप लोगों को खुलासा :दानदाताओं की पहचान: करने को कहेंगे, तब मुभे भय है कि नकद की व्यवस्था लौट आयेगी । ’’ उन्होंने कहा कि लोग योजनाओं में कमियां बता रहे हैं लेकिन चुनाव प्रक्रिया में कालेधन के इस्तेमाल को रोकने के लिये विकल्प नहीं बता रहे हैं ।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ लोगों खासतौर पर एनजीओ की खास मनोदशा होती है और वे समाधान नहीं सुझाते बल्कि उनके पास हर समाधान के साथ एक समस्या होती है । ’’

जेटली ने कहा, ‘‘ चुनाव आयोग कई क्षेत्रों में सफल रहा है और आदर्श चुनाव आयोग के रूप में काफी सफल रहा है । लेकिन धन पर वह लगाम लगाने में सफल नहीं हुआ । ’’

मंत्री ने कहा कि पूर्व की व्यवस्था में दान दाताओं एवं जुड़े लोगों एवं फंड प्राप्त करने वाले दलों की पहचान पता नहीं होती थी ।

उन्होंने खेद प्रकट किया कि इस बहस में हिस्सा लेने वाले लोग चुनाव बांड में कमियां बता रहे हैं लेकिन इसका कोई विकल्प नहीं बता रहे हैं ।

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