नई दिल्ली : थोक मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति मई में 22 महीने के निचले स्तर यानी 2.45 प्रतिशत पर रही। इसकी प्रमुख वजह खाद्य सामग्री, ईंधन और बिजली की दरों का कम होना है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आधिकारिक आंकड़े शुक्रवार को जारी किए गए। इसी में यह बात सामने आयी है।
यह जुलाई 2017 के बाद लगभग 22 महीने बाद थोक मुद्रास्फीति का सबसे निचला स्तर है। जुलाई 2017 में इसकी दर मात्र 1.88 प्रतिशत थी। अप्रैल 2019 में यह 3.07 प्रतिशत रही, जबकि मई 2018 में यह 4.78 प्रतिशत थी। खाद्य वस्तुओं में थोक मुद्रास्फीति का स्तर 6.99 प्रतिशत रहा, जबकि अप्रैल में यह 7.37 प्रतिशत था।
हालांकि महीने के दौरान प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गयी और इसकी मुद्रास्फीति की दर 15.89 प्रतिशत रही। अप्रैल में इसमें 3.43 प्रतिशत की गिरावट रही।