नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विस्तार की व्यापक संभावनाएं है और इसमें युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकते हैं। श्री कोविंद ने यहां‘वर्ल्ड फूड इंडिया 2017‘ के समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में भारी संख्या में युवा हैं और खाद्य उद्योग इन्हें व्यापक पैमाने में रोजगार उपलब्ध करा सकता है। उन्होंने कहा कि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में काफी तादाद में महिलाएं खाद्य क्षेत्र से जुड़ी हैं और वे घरेलू स्तर पर बहुत छोटे स्तर पर उद्योग लगा सकती हैं जिसमें अपने खेत के उत्पाद से जैम और अचार बना सकती है। वे अपने व्यवसाय से संबंधित जरुरी जानकारी के लिए संचार माध्यमों का उपयोग भी कर सकती हैं। इससे वे स्वयं स्वावलंबी हो सकती हैं और पारिवारिक आय बढा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यवस्था से अनेक प्रकार के फायदे हो सकते हैं और बड़ पैमाने पर फसलों के नुकसान होने से रोका जा सकता है। उदाहरण के तौर पर लगभग 16 प्रतिशत अमरुद तथा दस दस प्रतिशत आम एवं सेब की फसलें नष्ट हो जाती है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस सम्मेलन में जो चर्चा हुयी है उससे फसलों को बरबाद होने से बचाने में मदद मिलेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार खाद्य उद्योग के सामाजिक आर्थिक लाभ से भली भांति परिचित है और इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर घरेलू और विदेशी निवेश की संभावना है। इस आयोजन के दौरान उद्योगों की स्थापना के लिए 50 सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थो को लेकर देश में 41 मेगा फूड पार्क का निर्माण किया जा रहा है और विभिन्न हिस्सों में कोल्ड चेन की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के अलग अलग हिस्सों में खानपान की संस्कृति अलग अलग है। हजारों साल पहले जिस प्रकार का खाना खाया जाता था उसे अब नये नये रुपों में पेश किया जा रहा है। यह भारतीय संस्कृति को दर्शाता है। उन्होंने बिरयानी की चर्चा करते हुए कहा कि देश में 29 राज्य है और इसे बनाने के 290 रेसीपी हो सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस अवसर पर कहा कि यह ऐतिहसिक आयोजन पूरी तरह से सफल हुआ है और इससे 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय आयोजन के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को लेकर कुल 8000 बैठकें हुयी तथा 50 सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये। श्रीमती बादल ने कहा कि इस दौरान।1.25 अरब डालर के निवेश के समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। इसके अलावा राज्यों के साथ 2.5 अरब डालर के समझौते किये गये हैं। अमेरिका, संयुक्त अरब अमिरात, जर्मनी और फ्रांस ने खाद्य प्रसंस्करण, कोल्ड चेन, डेयरी और जैविक कृषि के क्षेत्र में निवेश का वादा किया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना ने अपने माडल खाद्य नीति की घोषणा कर दी है और महाराष्ट्र इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय में निवेश को लेकर अलग प्रकोष्ठ का गठन किया गया है और वरिष्ठ अधिकारियों को खास खास जिम्मेदारी दी गयी है।वर्ल्ड फूड इंडिया के आयोजन में डेनमार्क, जापान और जर्मनी साझेदार देश था। इस दौरान 60 देशों के प्रतिनिधि और 60 वैश्विक कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी उपस्थित थे। इस आयोजन के लिए एक साल से तैयारी की रही थी।