निक्की बनाम ट्रम्प - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

निक्की बनाम ट्रम्प

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां बढ़नेे के साथ-साथ यहां भारतीय अमेरि​कीयों की चर्चा जोरों पर है। वहीं संभावित उम्मीदवारों में वाक्-युद्ध भी तेज होता जा रहा है। अमेरिका के राजनीतिक मंच पर भारतीय समुदाय ने जबर्दस्त ढंग से अपनी दावेदारी पेश की है जो देश के इतिहास में पहले कभी नहीं देखी गई। भारतीय मूल के उम्मीदवारों के बीच निक्की हेली की चर्चा जोरों पर है। जिन्होंने रिपब्लिकन के दिग्गज और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चुनौती दी है। सर्वे बता रहे हैं कि निक्की हेली डेमोक्रेट नेता मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन पर भारी पड़ रही है और लोकप्रियता के मामले में भी वह बाइडेन को कहीं पीछे छोड़ चुकी है। हालांकि निक्की हेली पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प से पीछे है। निक्की हेली ट्रम्प को निशाना बनाने में कोई भी मौका नहीं चूक रही। न्यू हैम्शायर के कीने में चुनाव प्रचार करते समय निक्की हेली ने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प बूढ़े हो चुके हैं और वह मानसिक तौर पर स्वस्थ नहीं हैं। उन्होंने ने कहा कि वह कुछ अपमानजनक नहीं कहना चाहती लेकिन अमेरिका ट्रम्प जैसे व्यक्ति को लेकर जोखिम नहीं उठा सकता। उन्होंने यह भी सवाल किया कि अमेरिका को ​फिर से दो ऐसे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चाहिए जो 80 साल के हैं।
आज अमेरिका को बेहद सक्रिय राष्ट्रपति की जरूरत है। इससे पहले ट्रम्प ने निक्की हेली के नाम को लेकर मजाक उड़ाया था। अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ट्रम्प ने निक्की को निब्रा और निम्रदा कहकर संबोधित किया था। ट्रम्प ने एक रैली में निक्की हेली को नैंसी पैलोसी बताया था और पैलोसी पर निक्की हेली समझकर आरोप लगा ​दिए थे। इन दोनों वाक्-युद्ध के बीच भारतीय मूल की उपराष्ट्रपति के रूप में इतिहास रच चुकी कमला हैरिस बाइडेन की साथी बनकर चल रही है। अगर बाइडेन को कुछ हुआ तो कमला हैरिस राष्ट्रपति बनने की कतार में होगी। एक अन्य भारतीय अमेरिकी 38 वर्षीय विवेक रामास्वामी ने अपनी दावेदारी वापिस ले ली है और अब वह ट्रम्प का समर्थन कर रहे हैं। राष्ट्रपति पद की दौड़ में अन्य दो भारतीय अमेरिकी एयरोस्पेस इंजीनियर हर्षवर्धन सिंह और वैज्ञानिक शिवा अय्यादुरई कहीं खो गए हैं। कहा जा रहा है कि अगर हेली और बाइडेन के बीच लोकप्रियता का अंतर बना रहा और हेली रिपब्लिकन प्राइमरी का चुनाव जीत गई तो वह एक तरह से इतिहास बना सकती है लेकिन हैरानी की बात यह है कि कई अापराधिक मामलों का सामना कर रहे ट्रम्प की लोकप्रियता बनी हुई है।
निक्की हेली का पूरा नाम निमरत निक्की रंधावा है और 20 जनवरी 1972 को उनका जन्म दक्षिणी कैरोलिना के बैमबर्ग काउंटी हॉस्पिटल में हुआ था। उनके माता-पिता भारत के पंजाब राज्य से जाकर अमेरिका में बस गए थे। उनके पिता अजित सिंह रंधावा और उनकी मां राज कौर रंधावा अमृतसर से अमेरिका गए थे। पहले उनके पिता कनाडा गए थे और फिर सन् 1969 में पीएचडी के लिए अमेरिका आ गए। यहां पर दक्षिणी कैरोलिना के वूरहीस कॉलेज में प्रोफेसर थे। वहीं मां राज रंधावा ने मास्टर्स डिग्री हासिल करने के बाद सात साल तक बैमबर्ग पब्लिक स्कूल में पढ़ाया था। हेली के भाई अमेरिकी सेना की कैमिकल कोर से रिटायर्ड हैं। निक्की के भाई इराक युद्ध में तैनात रहे थे। साल 2004 में निक्की हेली ने साउथ कैरोलिना के लिए चुनाव लड़ा। निक्की ने सबसे लंबे समय तक प्रतिनिधि सभा के सदस्य रहे लैरी कून को मात दी थी। आज भी यहां पर निक्की को प्रॉपर्टी टैक्स में राहत और शिक्षा में सुधार के लिए जाना जाता है। निक्की पहली भारतीय-अमेरिकी बनीं जिन्हें साल 2006 और फिर 2008 में साउथ कैरोलिना की मेयर रहने का मौका मिला था। निक्की, डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता और पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को अपना आदर्श मानती हैं।
निक्की हेली डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में ​अमेरिका की राजदूत रही है और उसके विचार भारत के विचारों से काफी मिलते-जुलते हैं। उसने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को हमेशा निशाना बनाया है। उसका मानना है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पालता है और उसने ऐसे आतंकियों को जगह दी है जो अमेरिकी सैनिकों की हत्या के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। चीन के प्रति भी उसके तेवर तल्ख रहे हैं। उन्होंने आतंकवाद की मदद करने वाले देशों को अमेरिकी मदद बंद करने की आवाज बड़े ही आक्रामक ढंग से उठाई थी। निक्की हेली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अमेरिका का दोस्त मानती है और उन्हें ग्लोबल लीडर करार देती है। अमेरिका की आबादी में लगभग 1.3 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले भारतीय अमेरिकी बड़े ही सतर्क ढंग से ​निक्की हेली के चुनाव प्रचार पर नजर रख रहे हैं। सवाल हार या जीत का नहीं, इस समय निक्की हेली का राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होना भारतीय समुदाय को बहुत प्रेरित का है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था, युद्ध, लोकतंत्र, गर्भपात और विदेशनीति पर तनाव के बीच अमेरिका किस के पक्ष में जनादेश देता है यह देखना रोकच होगा।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

14 − 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।