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विस तक पहुंचाया सोशल मीडिया अभियान

आम आदमी पार्टी (आप) ने 26 मार्च को एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया, जिसमें पार्टी नेताओं ने अपनी डिस्प्ले तस्वीरों को बदलकर केजरीवाल को सलाखों के पीछे दिखाने वाली तस्वीर लगा दी और कैप्शन के साथ लिखा, ‘मोदी का सबसे बड़ा डर केजरीवाल’। इसके बाद बुधवार को जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, आप नेता भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन के वेल में आ गए और केजरीवाल को ईडी की हिरासत से तुरंत रिहा करने की पुरजोर मांग करने लगे। कैबिनेट मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज सहित आम आदमी पार्टी के नेता अपने सोशल मीडिया अभियान को दिल्ली विधानसभा में ले गए और वे ‘मैं भी केजरीवाल’ (मैं केजरीवाल हूं) और ‘मोदी का सबसे बड़ा डर केजरीवाल’ (मोदी का सबसे बड़ा डर, केजरीवाल) जैसे नारे लिखी पीली टी-शर्ट पहनकर आए।
केजरीवाल की गिरफ्तारी विपक्षी दलों को साथ लाई
ऐसा लगता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी ने इंडिया गठबंधन के असंतुष्ट विपक्षी दलों को फिर से एक साथ लाने में भूमिका निभाई है, जिनके बीच सीट बंटवारे के मुद्दे को लेकर कुछ हद तक मनमुटाव हो गया था। 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में संयुक्त विपक्षी रैली में टीएमसी के भाग लेने की सहमति देने से इस बात की पुष्टि होती है। हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों के जरिए विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने सत्तारूढ़ भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति के विरोध में संयुक्त रैली में शामिल नहीं होंगी, क्योंकि वह उसी दिन राज्य में अपनी पार्टी के लोकसभा अभियान की शुरुआत करेंगी। संयुक्त रैली में पार्टी का प्रतिनिधित्व टीएमसी नेता करेंगे।
एससी, एसटी, महिलाओं को लुभाने की काेशिश
चुनाव से पहले अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति समुदायों को लुभाने के लिए ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) ने घोषणा की है कि पार्टी सरकारी पदों पर एससी/एसटी के लिए आरक्षित रिक्तियों को भरने के लिए एक विशेष अभियान चलाएगी। इसके अलावा कांग्रेस ने महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए 5 लाख रुपये तक की ऋण माफी, 2000 रुपये का मासिक भत्ता और एसटी व एससी महिलाओं के लिए 3,000 रुपये की मासिक गारंटी की घोषणा की। इतना ही नहीं, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर कोई आदिवासी गांव ‘नशा मुक्त’ हो जाता है तो इसके विकास पर हर साल 10 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। साथ ही गांव की सभी महिलाओं को प्रोत्साहन स्वरूप प्रति वर्ष एक लाख रुपए दिए जाएंगे।
महाराष्ट्र में नहीं पूरी हो पाई कांग्रेस की इच्छा
एमवीए को एक और झटका लगा है, खासकर कांग्रेस को, जो वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के साथ गठबंधन पर जोर दे रही थी। दरअसल, प्रकाश अंबेडकर ने गठबंधन से बातचीत ख़त्म करने और अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है। डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर के पोते, प्रकाश अम्बेडकर ने वीबीए व सामुदायिक संगठनों और ओबीसी महासंघ व मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे-पाटिल जैसे नेताओं के एक वैकल्पिक ‘गठबंधन’ की घोषणा की है।
वीबीए प्रमुख ने विदर्भ मंडल की उन सीटों के लिए आठ उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा कर दी है, जहां लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान होना है। अकोला से तीन बार के पूर्व सांसद प्रकाश अंबेडकर इस चुनाव में उस सीट से अपनी पार्टी के उम्मीदवार होंगे। हालांकि, वीबीए ने दो कांग्रेस उम्मीदवारों को समर्थन देने की घोषणा की है – नागपुर में विकास ठाकरे और महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के 12वें वंशज श्रीमंत श्री शाहू शाहजी छत्रपति महाराज, जो कांग्रेस-एमवीए के उम्मीदवार हैं।

– राहिल नोरा चोपड़ा

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