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सिख नरसंहार के समर्थन पर राजीव गांधी को भी मरणोपरांत सजा मिले : विज

हरियाणा जाट आरक्षण हिंसा के दौरान भी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द, सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार की मिलीभगत सामने आई थी।

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि वर्ष 1984 के दंगों के दौरान सिखों के नरसंहार के समर्थक रहे तत्कालील प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी मरणोपरांत सजा दी जानी चाहिए ताकि इन दंगों में मारे गए करीब 3400 सिखों के परिवारों को पूरा न्याय मिल सके। श्री विज ने सोमवार को अपने एक ट््वीट में कहा कि 1984 सिख दंगों के दोषियों में से कांग्रेस नेता सज्जनकुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

इससे दंगों से प्रभावित सिख परिवारों को थोड़ सुकून तो मिला है लेकिन पूरा न्याय तो तभी मिलेगा जब श्री राजीव गांधी को भी सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि श्री गांधी ने दंगों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा था ‘जब कोई बड़ पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है’। उन्होंने श्री गांधी को दिए भारत रत्न सहित सभी अलंकार वापिस लेने तथा उनके नाम से चल रही योजनाओं तथा कार्यक्रमों से भी उनका नाम हटा देने की मांग की।

 उन्होंने कहा कि लगभग 3400 सिखों की हत्या के लिए केवल एक-दो लोग ही दोषी नहीं हो सकते है इसके लिए पूरी कांग्रेस पार्टी ही दोषी है। जब तक इन सभी को सजा नही मिलती तब तक न्याय अधूरा है। उन्होंने कांग्रेस पर साम्प्रदायिक विचारधारा की पार्टी होने का आरोप लगाते हुये कहा कि उसने हमेशा दंगों की राजनीति की है। इस पार्टी ने सत्ता हासिल करने के लिये अनेक जगह दंगें भड़काने का प्रयास किया है। यह सब अब सामने आ रहा है। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा जाट आरक्षण हिंसा के दौरान भी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द, सिंह हुड्डा के राजनीतिक सलाहकार की मिलीभगत सामने आई थी।

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