पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच जारी तनाव के कारण भारतीय सेना ने अपने इन्फेंट्री कॉम्बेट व्हीकल्स को रात में भी संचालित होने में सक्षम बनाने के लिए प्रक्रिया शुरू की है। सेना द्वारा यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीनी सेना के साथ सीमा पर तनाव बना हुआ है।
सेना की ओर से बयान में कहा गया है कि वाहनों को अपग्रेड करने के लिए सेना ने देसी कंपनियों से एक डेमो मांगा है, साथ ही जो भी काम करने की इच्छा जताता है उससे बात आगे बढ़ाई जा सकती है। इसके तहत BMP-2/2K इन्फेंटरी कॉम्बेट व्हीकल को अपग्रेड किया जाना है। वर्तमान के लड़ाकू वाहन ‘बीमपी-2/2के’ को वर्ष 1985 में सेना में शामिल किया गया था। ईओआई में कहा गया कि इसकी प्रणाली ‘रात के संचालन के लिए उपयुक्त नहीं है” और इसे रात में युद्ध की क्षमता के साथ विकसित किए जाने की आवश्यकता है।
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सेना का कहना है कि ये सभी व्हीकल नाइट ब्लाइंड हैं, ऐसे में इनमें नाइट विजन अपग्रेड करना है। सेना का कहना है कि जवानों को अक्सर बॉर्डर पर इस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में इस खतरे का मुकाबला करने के लिए अपग्रेडशन की जरूरत है। साथ ही इसमें अब ऑटोमेटिक टारगेट ट्रैकर, फायरिंग कंट्रोल सिस्टम जैसी सुविधाओं को भी जोड़ा जाना है।
बता दें कि पिछले साढ़े तीन महीनों से एलएसी पर जारी गतिरोध के बीच सोमवार को दोनों देशों के सैनिकों के बीच फायरिंग की खबरें आ रही हैं। चीनी सेना ने दावा किया है कि पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करते हुए फायरिंग की है। जिसपर भारतीय सेना ने भी अपना जवाब दिया है।