भोपाल/लखनऊ/अहमदाबाद : कोविड-19 के डर के बीच देश के 10 राज्यों में 54 विधानसभा सीटों पर मंगलवार को मध्यम से उच्च स्तर का मतदान हुआ। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर 68 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया जो सात महीने पुरानी भाजपा सरकार के भाग्य का निर्णय करेगा।
अधिकारियों के अनुसार मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की छिटपुट घटनाएं हुईं जहां मुरैना जिले में गोलीबारी में एक व्यक्ति घायल हो गया।
कुल मिलाकर मतदान शांतपूर्ण रहा। मास्क और दस्ताने पहने मतदाता चुनाव बूथों के बाहर लंबी पंक्तियों में खड़े नजर आए जहां पीपीई किट पहने चुनावकर्मियों ने उनकी मदद की। यह देश में इस तरह की पहली चुनावी कवायद रही।
निर्वाचन आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने कहा, ‘‘देश में चल रही चुनाव प्रक्रिया महामारी के बीच पूरे विश्व में सबसे बड़ी कवायद है…पहले चरण में मतदान का प्रतिशत शानदार रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मतदान प्रतिशत बढ़ना जारी है और इस चरण में विश्वास का स्तर काफी अधिक रहा है।’’
उपचुनाव बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे दौर के मतदान के साथ हुआ। मतगणना 10 नवंबर को होगी।
संबंधित राज्यों के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार नगालैंड में पुंगरो किफिरे सीट पर जहां सर्वाधिक 89.8 प्रतिशत मतदान हुआ, वहीं कर्नाटक की राजराजेश्वरी सीट पर सबसे कम 39.15 प्रतिशत मतदान हुआ।
ज्यादातर अन्य सीटों पर 50 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य नेताओं ने लोगों से बड़ी संख्या में मतदान करने की अपील की थी।
उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मंगलवार शाम छह बजे तक 53 प्रतिशत से अधिक वोट पड़े।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रमेश चंद्र राय ने बताया कि सात सीटों पर उपचुनाव के लिए शाम छह बजे तक सभी सीटों पर औसतन 53.62 प्रतिशत वोट पड़े। मतदान सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम छह बजे तक चला।
उन्होंने बताया कि शुरू में मतदान की गति धीमी रही, लेकिन दिन चढ़ने के साथ इसमें तेजी आयी। शाम छह बजे तक नौगांवा सादात सीट पर 61.50 प्रतिशत, बुलंदशहर सीट पर 52.10 फीसद, टूंडला सीट पर 54 प्रतिशत, बांगरमऊ सीट पर 50.59 फीसद, घाटमपुर सीट पर 49.42 प्रतिशत, देवरिया सीट पर 51.05 फीसद तथा मल्हनी सीट पर 56.65 प्रतिशत वोट पड़े।
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने इससे पहले ट्वीट कर मतदाताओं से लोकतंत्र के इस महापर्व में सहभागी बनने की अपील की।
फिरोजाबाद से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक टूंडला विधानसभा उपचुनाव में कुछ स्थानों पर मतदाताओं ने विकास कार्य न होने की शिकायत करते हुए मतदान का बहिष्कार किया। रुधऊ मुस्तकिल मतदान बूथ संख्या 30 के मतदाताओं ने ‘विकास नहीं तो वोट नहीं’ के नारे लगाते हुए मतदान का बहिष्कार किया है। कुछ प्रमुख लोगों के मनाने के बावजूद मतदाताओं ने वोट का बहिष्कार जारी रखा।
उन्नाव से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक बांगरमऊ सीट के उपचुनाव में भी बूचा गाढ़ा गांव में मतदान का बहिष्कार किया गया। हालांकि प्रशासन द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद करीब चार घंटे बाद मतदान शुरू हुआ। नौगांवा सादात सीट पर भाजपा की प्रत्याशी संगीता चौहान ने फर्जी मतदान का आरोप लगाते हुए पर्दानशीं महिलाओं का बुर्का हटाकर ही उन्हें वोट डालने की मांग की थी।
संगीता ने संवाददाताओं से कहा, ”फर्जी वोटिंग हो रही है, मगर प्रशासन ने हमारे बार-बार कहने के बाद कोई सुनवाई नहीं की। बुरका हटाकर ही वोटिंग होनी चाहिए। आईडी से जांच होनी चाहिए। यह कानून के मुताबिक न्यायोचित होगा।”
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह इन आरोपों की जांच कराएंगे।
वहीं, मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत मंगलवार को शाम छह बजे तक कुल 66.28 प्रतिशत मतदान हुआ। यह 2018 विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर हुए औसत मतदान की तुलना में 6.65 प्रतिशत कम है।
पिछले विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर औसतन 72.93 प्रतिशत मतदान हुआ था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इन 28 विधानसभा क्षेत्रों में 0.06 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 28 सीटों पर औसतन 66.22 प्रतिशत मतदान हुआ था।
प्रदेश में शाम छह बजे तक सबसे अधिक मतदान धार जिले की बदनावर सीट पर सबसे अधिक 81.26 प्रतिशत तथा सबसे कम मतदान ग्वालियर पूर्वी सीट पर 42.99 प्रतिशत हुआ।
इसके अलावा शाम छह बजे तक आगर मालवा में 80.54 प्रतिशत, अंबाह में 51.65 प्रतिशत, अनूपपुर में 67.60 प्रतिशत, अशोक नगर में 69.79 फीसदी, बमोरी में 77.51 प्रतिशत, भांडेर में 71.59 प्रतिशत, ब्यावरा में 80.01 प्रतिशत, डबरा में 57.10 प्रतिशत, दिमनी में 57.50 प्रतिशत, गोहद में 52.88 प्रतिशत, ग्वालियर में 49.77 प्रतिशत, हाटपिपल्या में 80.84 फीसदी, जौरा में 66 फीसदी, करेरा में 72.11 फीसदी, बड़ा मलहरा में 68.06 प्रतिशत, मंधाता में 73.44 प्रतिशत, मेहगांव में 58.13 प्रतिशत, मुरैना में 57.80 प्रतिशत, मुंगावली में 73.15 प्रतिशत, नेपानगर में 72.65 फीसदी, पोहरी में 70.05 प्रतिशत, सांची में 68.87 फीसदी, सांवेर में 74.34 प्रतिशत, सुमावली में 53.36 प्रतिशत, सुरखी में 70.55 प्रतिशत, सुवासरा में 79.97 प्रतिशत मतदान हुआ।
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के लिए आज कुल 66.28 प्रतिशत मतदान हुआ। यह शाम छह बजे तक का आंकड़ा है। अंतिम तौर पर इस आंकड़े में कुछ बदलाव हो सकता है।’’
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में मतदान किया।
दिग्विजय सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में स्थापित नियंत्रण कक्ष से मतदान की निगरानी कर रहे थे।
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान सुबह सात बजे कोविड-19 के रोकथाम के दिशा निर्देशों के साथ शुरु हुआ और शाम छह बजे तक चला। राज्य के 19 जिलों में शाम छह बजे तक 66.28 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
अधिकारी ने बताया कि मतदान का अंतिम घंटा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों तथा संदिग्ध मरीजों के लिए निर्धारित किया गया था।
उन्होंने बताया कि उपचुनाव में प्रदेश के 12 मंत्रियों सहित 355 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला होगा।
गुजरात विधानसभा की आठ सीटों पर हुए उपचुनाव में 58.58 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
अबडासा (कच्छ जिला), लिंबडी (सुरेंद्रनगर), मोरबी (मोरबी जिला), धारी (अमरेली), गढडा (बोटाद), करजन (वडोदरा), डांग (डांग जिला), कपराडा (वलसाड) विधानसभा क्षेत्रों में मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक हुआ।
निर्वाचन अधिकारियों द्वारा साझा किए गए अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, 58.58 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मुरली कृष्ण ने कहा, ‘‘मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। हमें विभिन्न उल्लंघनों के बारे में 17 लिखित शिकायतें मिली हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी शिकायतों को आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों को भेज दिया गया है। कुछ मामलों में, प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।’’
राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के कार्यकर्ता कथित फर्जी मतदान को लेकर गढडा नगर के एक मतदान केंद्र के बाहर मारपीट पर उतर आए। पुलिस ने दोनों समूहों को अलग किया।
गुजरात में आठ सीटों पर कुल 81 उम्मीदवार मैदान में हैं।
जून में हुए राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफा देने के चलते इन सीटों पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था। इनमें से पांच बाद में सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें उन सीटों से ही मैदान में उतारा है।
वहीं, हरियाणा की बरोदा विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में 68 प्रतिशत मतदान हुआ।
2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 68.43 प्रतिशत मतदान हुआ था।
कांग्रेस विधायक कृष्ण हुड्डा के निधन के बाद अप्रैल में बरोदा सीट खाली हो गई थी, जिन्होंने 2009, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में इस सीट से जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने इस बार इंदु राज नरवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, बरोदा से भाजपा के उम्मीदवार पहलवान योगेश्वर दत्त हैं।
कर्नाटक में बेंगलुरु शहरी जिला स्थित राजराजेश्वरी नगर विधानसभा सीट पर सबसे कम 39.15 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि तुमकुरु जिले की सिरा सीट पर 77.34 प्रतिशत मतदान हुआ।
सिरा के जद (एस) विधायक सत्यनारायण के निधन और आर. आर. नगर के कांग्रेस विधायक मुनीरत्ना के इस्तीफा देने के कारण इन सीटों पर उपचुनाव कराया गया।
छत्तीसगढ़ में मरवाही विधानसभा सीट पर शाम छह बजे तक 77.25 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर सत्ताधारी दल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी समेत आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मृत्यु के बाद से यह सीट रिक्त है।
वहीं, तेलंगाना की दुब्बाक विधानसभा सीट पर उपचुनाव में करीब 82 फीसदी मतदान हुआ।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हैदराबाद से करीब 100 किलोमीटर दूर दुब्बाक (सिद्दीपेट जिला) में सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और शाम छह बजे मतदान समाप्त हुआ। यहां 315 मतदान केन्द्र बनाए गए थे।
झारखंड में दुमका (सुरक्षित) और बेरमो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव में 62.46 प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान समाप्त होने के साथ ही दोनों सीटों से कुल 28 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला ईवीएम मशीनों में बंद हो गया।
झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने बताया कि आज दुमका (सुरक्षित) सीट के लिए 65.27 प्रतिशत और बोकारो की बेरमो विधानसभा सीट के लिए कुल 60.20 प्रतिशत मतदान हुआ।
वहीं, ओडिशा में दो विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव में 70 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस के लोहानी ने कहा कि कड़ी सुरक्षा और कोविड-19 से जुड़ी सावधानियों के सख्ती से पालन के साथ मतदान लगभग शांतिपूर्ण रहा।
उन्होंने कहा कि बालासोर सीट पर 71 प्रतिशत तथा जगतसिंहपुर जिले की तीर्थोल सीट पर 69.9 फीसदी मतदान हुआ।
नगालैंड में विधानसभा की दो सीटों पर करीब 87.1 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि कोहिमा जिले की सदर्न अंगामी-1 सीट के 22 मतदान केंद्रों पर 84.41 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि किफिरे जिले की पुंगरो किफिरे सीट के 77 मतदान केंद्रों पर 89.8 फीसदी लोगों ने मतदान किया जो सर्वाधिक है।