देश में केंद्र सरकार को अलग-अलग समय पर ओडिशा, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, झारखंड, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों की ओर से विशेष श्रेणी का दर्जा दिए जाने के अनुरोध मिले और इनमें से कुछ राज्यों की विशेष समस्याओं के समाधान एवं विकास के लिए विशेष पैकेजों की घोषणा की गई। लोकसभा में शिशिर कुमार अधिकारी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में योजना, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने यह बात कही।
दरअसल राव इंद्रजीत सिंह से पूछा गया था कि क्या सरकार को विगत पांच वर्षों के दौरान विशेष वित्तीय दर्जे के संबंध में विभिन्न राज्य सरकारों से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उक्त प्रस्तावों और इनमें मांगे गए वित्तीय पैकेज का ब्यौरा क्या है। केंद्रीय मंत्री ने कहा,‘विशेष समस्याओं के समाधान और कुछ राज्यों के विकास को सरल बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों (2015-16 से 2019-20) के दौरान आंध्र प्रदेश (आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत), बिहार (प्रधानमंत्री बिहार पैकेज 2015) पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य (जम्मू कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री पैकेज 2015) तथा तेलंगाना (तेलंगाना के 9 पिछड़े जिलों के लिए विशेष पैकेज) जैसे विशेष पैकेजों की घोषणा की।
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पूर्वोत्तर एवं अन्य राज्यों के लिए अनुदान को लेकर नीति आयोग द्वारा कोरोना काल के बाद किसी तरह का मध्यावधि मूल्यांकन किए जाने संबंधी एक प्रश्न के उत्तर में राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि नीति आयोग ने कोरोना-काल के बाद कोई मध्यावधि मूल्यांकन नहीं किया है।