INDI Alliance: नीतीश कुमार ने बनाया तो क्या बनाया, बनने से पहले ही उजड़ गया

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INDI Alliance: नीतीश कुमार ने बनाया तो क्या बनाया, बनने से पहले ही उजड़ गया

INDI Alliance 2022 के सावन महीने में एनडीए से नाता तोड़कर नीतीश कुमार इस आस में महागठबंधन में शामिल हुए थे कि वे देशव्यापी ऐसा ब्लॉक तैयार करेंगे, जो एनडीए को टक्कर दे सके। पिछले साल मई महीने से इसको लेकर ठोस कवायद शुरू हुई और पटना की बैठक के बाद इस ब्लॉक ने आकार लेना शुरू कर दिया। बेंगलुरू की बैठक में इस ब्लॉक को एक नाम मिला- इंडिया। नाम से राजनीतिक पंडित काफी प्रभावित हुए और यह भी कहा जाने लगा कि अब पीएम मोदी इंडिया नाम लेकर विरोध भी नहीं कर पाएंगे। बेंगलुरू की बैठक में ब्लॉक को नाम तो मिल गया पर नीतीश कुमार को कोई इनाम नहीं मिला। नाराज नीतीश कुमार रात में ही पटना लौट गए। फिर मुंबई में इंडिया ब्लॉक की बैठक हुई पर कुछ खास नहीं हुआ।

नीतीश कुमार के लिए कुछ नहीं

INDI Alliance दिल्ली में दिसंबर 2023 में जो बैठक हुई, उसमें नीतीश कुमार के लिए कुछ नहीं था। मल्लिकार्जुन खड़गे महफिल लूट चुके थे। दिल्ली की बैठक में तय हुआ कि सीट शेयरिंग के लिए 15 दिनों में कवायद शुरू हो जाएगी। इंडिया ब्लॉक में अधिकांश दलों का कहना था कि जितनी जल्दी सीट शेयरिंग होगी, एनडीए पर एडवांटेज उतना ही ज्यादा होगा। कवायद शुरू हो गई और वह कवायद आज इस हद तक पहुंची कि ममता बनर्जी ने एकला चलो का ऐलान कर दिया। अब आधिकारिक तौर पर पश्चिम बंगाल में इंडिया ब्लॉक खत्म हो चुका है। अब सवाल यह है कि पश्चिम बंगाल में खत्म हुआ गठबंधन बिहार में कितने समय तक अपना अस्तित्व बचाकर रख पाएगा।

क्या चल रहा है

INDI Alliance नीतीश कुमार के बनाए इंडिया ब्लॉक का हश्र आप देख रहे हैं। उनके राजनीतिक गुरु जॉर्ज फर्नांडीज ने एक बार एनडीए बनाया, जो आज तक चल रहा है। एनडीए के मुकाबले के लिए बना यूपीए भी खत्म हो चुका है। यूपीए का मोडिफायड वर्जन ही इंडिया है। अब एनडीए और इंडिया की तुलना करते हैं। एनडीए को जॉर्ज फर्नांडीज ने बनाया तो इंडिया को नीतीश कुमार ने। एनडीए का नेतृत्व भाजपा के हाथ में है तो इंडिया का नेतृत्व कांग्रेस के हाथ में।

संयोजक का पद नहीं दिया गया

एनडीए में स्वाभाविक रूप से जॉर्ज फर्नांडीज को संयोजक बनाया गया था तो नीतीश कुमार के लाख चाहने पर भी उन्हें संयोजक का पद नहीं दिया गया। जब उन्हें इस पद की पेशकश की गई तब वे नाराज चल रहे थे। जॉर्ज फर्नांडीज को भाजपा ने एनडीए में एक हैसियत दे रखी थी। जब ममता बनर्जी या फिर जयललिता नाराज होती थीं तो जॉर्ज फर्नांडीज कोलकाता या फिर चेन्नई का दौरा किया करते थे। नीतीश कुमार को कांग्रेस ने वो हैसियत नहीं दी है कि वे किसी भी नाराज नेता को मनाने राजधानी दर राजधानी घूमें।

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