नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि रेलवे की फ्लेक्सी किराया योजना में बदलाव किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यात्रियों पर कर का बोझ लादे बगैर राजस्व अर्जन हो सके। एक वर्ष से भी कम समय में इसके कारण रेलवे को अतिरिक्त 540 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, लोगों ने मेरे संज्ञान में फ्लेक्सी किराया योजना को लाया है। इसे और बेहतर किया जा सकता है कि ताकि लोगों की जेब पर बोझ नहीं पड़े और राजस्व के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सके। वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि इस महीने की शुरुआत में मंत्रालय का पदभार संभालने के बाद क्या उन्होंने फ्लेक्सी किराया योजना की समीक्षा की है।
यह पूछने पर कि क्या योजना में कोई बदलाव होगा तो गोयल ने कहा, कुछ बदलाव करने की संभावना है। पिछले वर्ष सितम्बर में शुरू की गई योजना राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों के लिए लागू की गई थी जिसमें दस फीसदी सीट सामान्य किराये पर बुक की जाती थी और इसके बाद हर दस फीसदी सीट को दस फीसदी बढ़ोतरी के साथ बुक किया जाता था। इसमें अधिकतम 50 फीसदी की वृद्धि की जा सकती थी। आंकड़ों के मुताबिक रेलवे को सितम्बर 2016 से जून 2017 के बीच इस योजना के माध्यम से अतिरिक्त 540 करोड़ रऊपये की आमदनी हुई। मंत्री ने कहा कि रेलवे प्रभावी और तेज सेवाएं सुनिश्चित करने पर भी काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, एक नवम्बर 2017 से करीब 700 रेलगाडय़िों की गति तेज करने का प्रस्ताव है। इससे 48 मेल एक्सप्रेस रेलगाड़ियों को सुपरफास्ट श्रेणी में बदलने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सभी स्टेशनों और रेलगाडय़िों में तेज वाई-फाई कनेक्टिविटी होगी लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इसे कब लागू किया जाएगा। गोयल ने कहा कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल और टीटीई को ड्यूटी पर यूनिफॉर्म में रहना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरपीएफ कर्मी टिकट की जांच नहीं करेंगे, जो टीटीई का काम है लेकिन वे टिकट जांच दस्ते का सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने रेलवे की सभी संपथियों का खाका खींचने की पेशकश की है। गोयल ने कहा, हमने 5000 मानव रहित फाटकों को समयबद्ध तरीके से खत्म करने की योजना बनाई है।