बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आज लालू परिवार को लेकर नया खुलासा किया है। सुशील मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि लालू परिवार ने पाॅवर ऑफ अटार्नी के बाद वसीयत के नाम पर संपत्ति हड़पी है। साथ ही भाजपा नेता ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बिहार का नया नटवर लाल करार दिया ।
वसीयत में दोनों ने लिखा कि मेरे मरने के बाद जमीन के मालिक तेजप्रताप और तेजस्वी होंगे। दोनों मेरे भतीजे के समान हैं और उनकी सेवा से बहुत खुश हैं। दोनों निष्ठापूर्वक सेवा करते हैं और खुश होकर वसीयत उनके नाम लिख रहा हूं।
वसीयत में लिखा है कि उनके मरने के बाद के बाद यह प्रभावी होगा. मृत्यू के बाद मेरे किसी वैधानिक उत्तराधिकारी और अन्य किसी का इस जमीन पर हक नहीं होगा। अगर इस दौरान तेजस्वी और तेजप्रताप के साथ कोई हादसा हो जाता है तो ऐसी स्थिति में जमीन मेरे बेटे का हो जाएगा।
12 मई 2005 को सलीम और सोफिया तब्बसुम ने दो रजिस्ट्री की. एक में पॉवर ऑफ अटॉनी के जरिए जमीन की देखभाल के लिए राबड़ी देवी को अधिकृत कर दिया गया। वसीहत में दोनों ने लिखा कि 2005 से लेकर जबतक मैं जिंदा हूं, इस जमीन का देखभाल राबड़ी देवी करेंगी और मरने के बाद इस जमीन के मालिक तेजस्वी और तेजप्रातप हो जाएंगे। यानि साफ है कि इन दोनों प्लॉट के मालिक 2005 से ही लालू फैमिली है।
सुशील मोदी ने कहा कि मोहम्मद शमीम और सोफिया तब्बसुम से लालू से ना को रिश्तेदारी और न कोई जात बिरादरी के हैं तो फिर ये कैसे और क्यों संभव हुआ।
मोहम्मद शमीम की वसीयत में राकेश रंजन गवाह बने हैं जो राजद के विधानपार्षद और कोषाध्यक्ष रह चुके हैं। तब्ब्सुम की वसीयत में खुद शमीम गवाह बने हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि 2005 में तेजस्वी और तेजप्रताप की उम्र 15-16 साल रही होगी और दोनों की सेवा से खुश होकर मोहम्मद सलीम और सोफिया तब्बसुम ने करोड़ों की जमीन की वसीयत कर दी।
बता दे कि मो. शमीम वही आदमी हैं, जिन्हें लालू यादव ने राज्यपाल कोटे से विधानपार्षद बनाया था।