बेंगलुरू : बॉलीवुड फिल्म पद्मावती को लेकर राजपूतों के विरोध की हवा अब दक्षिण तक पहुंच गयी है। राजपूत समुदाय के लोगों ने आज यहां प्रदर्शन किया और इस दौरान फिल्म में इतिहास को तोड़मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। करणी राजपूत सेना से संबंधित लोग बड़ संख्या में शहर के बीचोंबीच बने टाउन हाल में पहुंचे और संजय लीला भंसाली की इस फिल्म के विरोध में फ्रीडम पार्क तक विरोध मार्च निकाला।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि फिल्म काल्पनिक है और इसमें 13वीं शताब्दी में चिथौड़ की रानी पद्मावती को गलत तरीके से दिखाया गया है। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वो रानी पद्मावती को देवी के तौर पर पूजते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रनवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में राजस्थान के लोगों की धार्मिक भावनाओं को नजरंदाज किया गया है।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह ने कहा कि एक दिसंबर को रिलीज होने वाली इस फिल्म को या तो प्रतिबंधित किया जाये या फिर विवादित हिस्से को हटाने के बाद इसे प्रदर्शित किया जाये। वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुये सिंह ने कहा, हम चाहते हैं कि फिल्म पहले दिखाई जाये। जब हम इसे मंजूरी दें तभी इसका प्रदर्शन किया जाये। हमें पता चला है कि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों को काफी तोड़ मरोड़ गया है। जब तक हमारी आपथियों को दूर नहीं किया जाता हम फिल्म को कहीं भी प्रदर्शित नहीं होने देंगे। कन्नड समर्थक संगठनों का एक समूह भी करणी सेना के समर्थन में आ गया।