मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि वर्ष 2018 झारखंड में निरोग बाल वर्ष के रूप में मनाया जायेगा। झारखंड में कुपोषण से लड़ने के अभियान में यह बड़ा कारगर कदम साबित होगा। इसमें सरकारी स्कूल के दो लाख बच्चों को प्रति दिन दुध उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए विधायकों, व्यवसायी, लघु उद्यमी आदि से मदद ली जायेगी। इसके लागू करने से न केवल बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि राज्य में श्वेत क्रांति आयेगी। किसानों की आमदनी बढ़ेगी। श्री दास आज झारखंड मंत्रालय में झारखंड राज्य पोषण मिशन की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कुपोषण झारखंड की बड़ी समस्या है। कुपोषण से मुक्ति सरकार की प्राथमिकता में है। इससे निपटने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर लागू करना होगा। समाज कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग की इसमें अहम जिम्मेवारी है। दोनों विभाग पोषण मिशन के लिए एक-एक समर्पित अधिकारी तय करें जो परस्पर समन्वय बनाकर काम करे। हमारा लक्ष्य है कि अगले 3-4 साल में झारखंड देश के टॉप 10 पोषित राज्यों में आये।
जहां मातृत्व व शिशु मृत्युदर न्यूनतम हो। यह पुण्य का काम है। यदि हम किसी मां को बचा लेते हैं तो दो जान बचती है। मां और बच्चा बचेगा तो काम करने वाले को भीसुकून मिलेगा। बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, कल्याण मंत्री श्रीमती लुईस मरांडी, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, शिक्षा मंत्री श्रीमती नीरा यादव, कृषि मंत्री रणधीर सिंह, मुख्य सचिव श्रीमती राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव एमएस भाटिया, स्कूली शिक्षा सचिव श्रीमती अराधना पटनायक, पोषण मिशन के निदेशक डीके सक्सेना समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।