पुरी जगन्नाथ मंदिर में चूहों के झुंड ने किया हमला, कुतर रहे भगवान जगन्नाथ के पोशाक - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

पुरी जगन्नाथ मंदिर में चूहों के झुंड ने किया हमला, कुतर रहे भगवान जगन्नाथ के पोशाक

ओडिशा के पुरी के मशहूर जगन्नाथ मंदिर में चूहों के झुंड ने हमला कर दिया है। वे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के भेषों को कुतर-कुतर कर खा रहे हैं

ओडिशा के पुरी के मशहूर जगन्नाथ मंदिर में चूहों के झुंड ने हमला कर दिया है। वे भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के भेषों को कुतर-कुतर कर खा रहे हैं। तीर्थस्थल के अधिकारी इससे चिंतित हैं, और वे चूहों के झुंड को भगाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। सेवादारों ने कहा कि गर्भगृह और मंदिर के भीतर देवी-देवताओं की लकड़ी की मूर्ति है, जिसको लेकर चिंता और बढ़ी हुई है।
देवताओं के वस्त्र और माला को नष्ट कर रहे
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक सेवादार सत्यनारायण पुष्पलक ने कहा, “चूहों की झुंड और उसके द्वारा फैलाए गए कचरे से अनुष्ठान में मुश्किलें आ रही है। हर दिन, वे देवताओं के वस्त्र और माला को नष्ट कर रहे हैं। इसके अलावा, चूहे देवताओं के चेहरे को खराब कर रहे हैं।”
महामारी में श्रद्धालुओं के लिए बंद थे मंदिर
एक अन्य सेवादार, भगवान पांडा ने कहा कि फर्श पर पत्थरों के गैप के बीच छोटे-छोटे छेद देखे गए थे, जो गर्भगृह की संरचना के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। 2020 और 2021 के दौरान कोविड महामारी में मंदिर में चूहों और तिलचट्टों ने हमला किया था और इसकी संख्या इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि उनसे छुटकारा पाना मुश्किल हो रहा है। महामारी में मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था। 
चूहों के को मारने के लिए नहीं कर रहे पॉइजन का इस्तेमाल
मंदिर प्रशासन ने कहा कि वे समस्या से वाकिफ हैं। मंदिर प्रशासक जितेंद्र साहू ने कहा, “हम इस मुद्दे के प्रति सतर्क हैं और चूहों से छुटकारा पाने के लिए जरूरी उपाय कर रहे हैं। एक अस्थायी उपाय के रूप में, हम जाल बिछा रहे हैं। फंसे हुए चूहों को मंदिर के बाहर बहुत दूर छोड़ा जा रहा है।” उन्होंने कहा कि हम चूहों को मारने के लिए पॉइजन का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। मामले के जानकार बताते हैं कि अगर पॉइजन दिया जाता है तो वे मर जाएंगे और मंदिर परिसर के भीतर ही रह जाएंगे, जिससे और ज्यादा समस्या पैदा होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

9 + 16 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।