पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए कोलकाता के इस्कॉन मंदिर पहुंची। इस दौरान उनके साथ पश्चिम बंगाल की बसीरहाट लोकसभा सीट से टीएमसी संसद नुसरत जहां भी मौजूद थीं। देश के अलग-अलग हिस्सों में आज जगन्नाथ रथयात्रा निकली गई है।
ममता बनर्जी और नुसरत जहां ने इस्कॉन मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा की। इस मौके पर नुसरत के पति निखिल जैन भी मौजूद थे। मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंची नुसरत ने CM ममता के पंडाल में पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता और एकजुटता ही वास्तविक धर्म है।’’ लोगों से शांति और एकता के मार्ग पर चलने का आग्रह करते हुए इस मौके पर बनर्जी ने सभी की कुशलता की कामना की।
उन्होंने इस्कॉन के अल्बर्ट रोड सेंटर से रथ यात्रा उत्सव की शुरुआत से पहले ‘‘जय जगन्नाथ’’, ‘‘जय हिंद’’ और ‘‘जय बांग्ला’’ के नारे लगाए। साड़ी, लाल रंग की चूड़ियाँ, और ‘‘मंगलसूत्र’’ पहने और सिंदूर लगाये नुसरत ने रथयात्रा की रस्मों में हिस्सा लिया। नुसरत जहां के पति उनके साथ थे जो सफेद कुर्ता पायजामा पहने हुए थे।
बशीरहाट की सांसद ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में हम जाति, पंथ या धर्म से ऊपर उठकर त्योहारों में भाग लेते हैं। बंगाल एकता का प्रतीक है।’’पूजा -अर्चना के बाद नुसरत ने कहा, ‘मैं पैदायशी मुसलमान हूं। मुझे लेकर बेवजह विवाद फैलाया जा रहा है। मैं हर धर्म का सम्मान करती हूं।’
इस्कॉन मंदिर में पूजा-अर्चना करने से पहले ममता ने ट्विटर पर रथायात्रा की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘रथयात्रा के शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई। जय जगन्नाथ।’ गौरतलब है की नुसरत के खिलाफ फतवार सिंदूर और बिंदी लगाने के लिए जारी किया गया है। नुरसत जहां तृणमूल कांग्रेस की सांसद हैं और संसद भवन में शपथग्रहण के दौरान वे सिंदूर, बिंदी और हाथों में मेंहदी लगाए हुए नजर आईं थी।
इस्लामिक धर्मगुरुओं ने इसको लेकर नुसरत के खिलाफ फतवा जारी कर दिया था और मुस्लिम व्यक्ति से शादी नहीं करने को लेकर भी उनकी निंदा की थी। फतवे पर प्रतिक्रिया देते हुए नुसरत ने कहा था कि वह धर्मनिष्पेक्षता में विश्वाश करती हैं। उन्होंने कहा था कि वे अभी भी एक मुस्लिम हैं और जो चाहेंगी वह पहनेंगी।