झारखंड उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक-जेवीएम) के उन छह विधायकों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया जिनके भाजपा में विलय को 20 फरवरी को स्पीकर दिनेश उरांव ने अपने एक निर्णय में ‘‘वैध’’ करार दिया था।
जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और सदन में पार्टी के नेता प्रदीप यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुये न्यायाधीश एसएसन प्रसाद ने निर्देश दिया कि इन विधायकों को नोटिस जारी किए जाएं। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए चार सप्ताह का समय दिया।
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ये छह विधायक भू एवं राजस्व मंत्री अमर कुमार बौरी, कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह, गणेश गंजू, नवीन जायसवाल, आलोक चौरसिया और जानकी प्रसाद हैं।
याचिका में मांग की गई कि संविधान की दसवीं अनुसूची के दलबदल कानून के तहत उनकी सदस्यता रद्द की जाए।
गौरतलब है कि जेवीएम के आठ विधायकों ने जीत हासिल की थी और उनमें से छह विधायकों ने भाजपा में विलय का निर्णय किया। इसकी सूचना उन्होंने फरवरी 2015 में स्पीकर को दे दी। स्पीकर ने प्रथम दृष्टया इसे उचित मानते हुये वैध ठहराया और उनके बैठने की व्यवस्था भाजपा सदस्यों के साथ कर दी।