महाराष्ट्र विधानसभा ने बीएमसी वार्डों की संख्या बढ़ाने के पूर्ववर्ती फैसले को पलटने वाले एक विधेयक को दी मंजूरी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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महाराष्ट्र विधानसभा ने बीएमसी वार्डों की संख्या बढ़ाने के पूर्ववर्ती फैसले को पलटने वाले एक विधेयक को दी मंजूरी

महाराष्ट्र विधानसभा ने पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार द्वारा बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के वार्डों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 करने के फैसले को पलटने के प्रावधान वाले एक विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी।

महाराष्ट्र विधानसभा ने पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी सरकार द्वारा बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के वार्डों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 करने के फैसले को पलटने के प्रावधान वाले एक विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी।पूर्ववर्ती सरकार के फैसले को पलटने के लिए लाए गए विधेयक का कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) ने समर्थन किया। उल्लेखनीय है कि बीएमसी के चुनाव लंबित हैं।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने इस संशोधन विधेयक का विरोध किया और रेखांकित किया कि उच्चतम न्यायालय ने यथास्थिति बरकरार रखने का फैसला दिया है।
हालांकि, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट किया कि शीर्ष अदालत ने अन्य मामले में निर्देश दिया है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण से संबंधित है।उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अध्यादेश वार्ड की संख्या 236 से वापस 227 करने के लिए है। इसमें कोई कानूनी बाधा नहीं है।’’शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह विधेयक इस सरकार की तरह ही ‘‘असंवैधानिक’’ है।वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में संख्या बल महत्वपूर्ण होता है। हमारे पास बहुमत है। हमने असंवैधानिक कार्य नहीं किया है।’’
एक खास पार्टी के लिए किया गया था यह फैसला 
शिंदे ने विधायक सदा सरवंकर की इस मांग को भी स्वीकार कर लिया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वार्डों की संख्या बढ़ाने के फैसले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से कराई जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे नीत सरकार में वह शहरी विकास मंत्री थे, लेकिन नीति निर्माण हमेशा सामूहिक फैसले से होता है।कांग्रेस के विधायक अमीन पटेल ने कहा कि वार्डों का परिसीमन ‘‘एक खास पार्टी को लाभ पहुंचाने’’ के लिए किया गया था और यह मुंबई के नागरिकों के हित में नहीं था।
समाजवादी पार्टी के रईस शेख ने कहा कि वार्ड का परिसीमन ‘‘एक खास पार्टी’’ की मदद करने के लिए चालाकी से किया गया। उन्होंने दावा किया कि यह दूसरी पार्टी के पार्षदों को निशाना बनाने के लिए किया गया, जो वर्षों से उन क्षेत्रों में काम कर रहे थे। शेख ने आरोप लगाया कि दूसरी पार्टियों के प्रतिनिधित्व वाले वार्डों को विभाजित कर दिया गया।हालांकि, पटेल और शेख ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया।
भाजपा के अमित सतनाम ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक आबादी में 3.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई और चूंकि यह मामूली वृद्धि थी इसलिए वार्ड की संख्या 2017 में नहीं बढ़ाई गई। उन्होंने दावा किया ‘‘लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने नौ वार्ड बढ़ा दिए जो गैर कानूनी है।’’

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