MP : शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का कमलनाथ का विधायक को वादा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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MP : शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का कमलनाथ का विधायक को वादा

जरूरत है और यह आंकड़ा दूसरों के सहयोग से हासिल किया गया है। ऐसे में एक विधायक के इस्तीफे का ऐलान कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकती है। 

शराब माफियाओं पर कार्रवाई न किए जाने से परेशान होकर कांग्रेस विधायक पांची लाल मेड़ा द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा भेजे जाने के बाद पूरी सरकार हरकत में आ गई है। मुख्यमंत्री ने भी मेड़ा से बंद कमरे में चर्चा की और उन्हें भरोसा दिलाया है कि जिम्मेदार अफसरों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। धार जिले के धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक चुने गए पांची लाल मेड़ा अपने क्षेत्र में शराब माफियाओं के बढ़ते आतंक और उन्हें प्रशासन से मिल रहे संरक्षण से काफी नाराज हैं।

मेड़ा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा भेज दिया। इसके बाद पूरी सरकार हरकत में आ गई और दो मंत्री बाला बच्चन व प्रद्युम्न सिंह तोमर मेड़ा के घर पहुंच गए और उन्हें अपने साथ लेकर मुख्यमंत्री के पास गए। सरकार के सूत्रों का कहना है कि मेड़ा की मुख्यमंत्री कमलनाथ से बंद कमरे में बात हुई। विधायक मेड़ा ने शराब माफियाओं और प्रशासन की मिली भगत से कमलनाथ को अवगत कराया। कमलनाथ ने आचार संहिता का हवाला देते हुए निर्वाचन आयोग की अनुमति से आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया। साथ ही मेड़ा को मीडिया से बात न करने की हिदायत दी।

 इससे पहले मेड़ा ने शुक्रवार सुबह यहां संवाददाताओं से कहा, ‘नर्मदा नदी के किनारे और कई शिक्षण संस्थाओं के पास शराब दुकानें खुली हैं। मैं लगातार इन दुकानों को बंद करने की मांग कर रहा हूं, मगर आबकारी विभाग और जिला व पुलिस प्रशासन का ठेकेदारों को खुला संरक्षण हासिल है।’ विधायक मेड़ा ने कहा, ‘शराब ठेकेदार के इशारे पर मेरा लगातार अपमान किया जा रहा है। पिछले दिनों ठेकेदार ने कुछ महिलाओं को उकसाकर उनसे अभद्र भाषा में फोन कराया।

इस बात की शिकायत की तो पुलिस अधीक्षक ने मुझे थाने जाने को कहा। जब मैं थाने पहुंचा तो ठेकेदार कुछ महिलाओं को लेकर थाने पहुंचा, जहां ठेकेदार व महिलाओं ने मुझे घेर लिया। इससे पुलिस अधीक्षक को अवगत कराया तो उन्होंने पीछे दरवाजे से निकल जाने को कहा।’ मेड़ा का आरोप है कि थाने में उन्हें चार घंटे तक बैठना पड़ा, उन्हें अपमानित किया गया।

वह थाने में रहे, मगर कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।  मेड़ा इस बात से दुखी हैं कि राज्य में कांग्रेस की सरकार है, उसके बाद भी ठेकेदारों को पुलिस का संरक्षण मिल रहा है। गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस के लिए एक-एक विधायक महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य सरकार बसपा, सपा व निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है। राज्य की 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 114 विधायक हैं, वहीं भाजपा के 109 विधायक हैं। बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरूरत है और यह आंकड़ा दूसरों के सहयोग से हासिल किया गया है। ऐसे में एक विधायक के इस्तीफे का ऐलान कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकती है।

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