जमशेदपुर : झारखंड में भीड़ की हिंसा का शिकार हुए तबरेज अंसारी के विसरा का नमूना जांच के लिये रांची में फॉरेंसिक लैब भेजा गया है ताकि उसके मरने के वास्तविक कारण का पता लग सके क्योंकि उसके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं। शुक्रवार को एक वरिष्ठ डॉक्टर ने यह जानकारी दी। राज्य के सरायकेला-खरसावां जिले के सिविल सर्जन ए एन डे ने बताया कि अंसारी की मौत के वास्तविक कारण की पुष्टि सिर्फ फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट आने के बाद ही की जा सकती है, जो करीब एक पखवाड़े में मिलने वाली है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा गठित तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में बंद कमरे में पोस्टमॉर्टम किया था। चोरी के संदेह में 17 जून को झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के धतकीडीह गांव में भीड़ ने अंसारी (24) को एक खंभे से बांधकर कथित तौर पर लाठी-डंडों से उसकी पिटाई की थी। अंसारी को लेकर वायरल एक वीडियो में यह साफ नजर आ रहा है कि उसे ‘जय श्रीराम’ और ‘जय हनुमान’ का नारा लगाने के लिये मजबूर किया गया। इस संबंध में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
गत 21 जून को अंसारी ने बेचैनी की शिकायत की थी जिसके बाद उसे सरायकेला जिला अस्पताल ले जाया गया। 22 जून को उसे जमशेदपुर के टाटा अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। डे ने आशंका जतायी कि हो सकता है अंसारी की मौत अचानक हुई हो। उन्होंने बताया कि जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में यह नजर आ रहा है कि पिटाई की घटना के अगली सुबह शौचालय से लौटने पर उसने एक कैदी से पानी मांगकर पिया था।
उन्होंने बताया कि अंसारी के बायें पैर और हाथ पर बाहरी चोट के निशान थे और उसकी खोंपड़ी पर जख्म का निशान था। उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कोई अंदरूनी चोट का पता नहीं चला। उन्होंने बताया कि उस पर हमले की घटना और मौत होने के बीच चार दिन के दरम्यान पीड़ित में न तो ब्रेन हैमरेज का लक्षण दिखा और न ही उसने सिर दर्द की शिकायत की।