ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर बोली शिवसेना-चुनाव के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं 'मौजूदा शासक' - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर बोली शिवसेना-चुनाव के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं ‘मौजूदा शासक’

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, सरकारी तेल कंपनियों द्वारा ‘अबतक पांच बार कीमत बढ़ाए जाने के बाद’ पेट्रोल और डीजल के मूल्य आसमान छूने लगे हैं।

देश में पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में हुए चुनाव के बाद से ईंधन की कीमतों में जारी वृद्धि को लेकर शिवसेना ने केंद्र सरकार पर हमला किया है। महाराष्ट्र में एनडीए के पूर्व सहयोगी दल ने कहा कि ‘‘मौजूदा शासक’’ चुनाव के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक लेख में लिखा है, ईंधन की कीमतें हमेशा से ऊपर जा रही थीं लेकिन अचानक चार राज्यों (असम, केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु) और केंद्र शासित प्रदेश (पुडुचेरी) के विधानसभा चुनाव की अवधि में कम कर दी गई।
मराठी अखबार ने आरोप लगाया है, ‘‘लेकिन चुनावी नतीजों के बाद तस्वीर बदल गई। मौजूदा शासक चुनाव के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।’’ लेख में कहा गया है कि सरकारी तेल कंपनियों द्वारा ‘अबतक पांच बार कीमत बढ़ाए जाने के बाद’ पेट्रोल और डीजल के मूल्य आसमान छूने लगे हैं।

लगातार तीन दिन बढ़ोतरी के बाद आज स्थिर रहे पेट्रोल और डीजल के भाव

शिवसेना ने कहा कि चुनाव के नतीजों की घोषणा दो मई को की गई और ईंधन के कीमतों में चार मई को वृद्धि हो गई। सामना ने लिखा है, ‘‘नजदीक में चुनाव नहीं है। संभवत:, सरकार अपनी तिजोरी भरना चाहती है जो चुनाव के दौरान कीमतों को घटाने से खाली हो गई थी। आम लोगों की जेब का क्या? वह खाली है।’’
पार्टी ने कहा कि बेरोजगारी और वेतन कटौती से आम आदमी पहले ही मुश्किल का सामना कर रहा है। सामना ने दावा किया कि इससे पहले बिहार चुनाव के दौरान ईंधन की कीमतें स्थिर थी और चुनाव नतीजों के बाद 18 दिनों में 15 बार कीमतों में वृद्धि की गई। 
शिवसेना ने तंज कसा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ‘चमत्कारिक’ तरीके से ईंधन की कीमतें स्थिर रही थीं। पार्टी ने कहा कि तीन साल पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद भारत में ईंधन की कीमतें ‘स्थिर’ रही थीं।

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