पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान एवं चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने रविवार को साफ कहा कि वह अब सक्रिय राजनीति से बाहर हैं इसलिये मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल नहीं हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगवानी करने हलवारा पहुंचे जाखड़ ने पत्रकारों के इस सवाल का जवाब इस तरह दिया कि वो चुनाव ही नहीं लड़ रहे तो सीएम रेस का कोई मतलब नहीं। जिस राह जाना नहीं उसकी बात क्या करना। लोगों से जो फीडबैक मिला होगा उसका ऐलान राहुल गांधी आज करने जा रहे हैं।
सुनील जाखड़ ने सक्रिय राजनीति से लिया संन्यास
उन्होंने कहा कि वह फिलहाल सक्रिय राजनीति से बाहर हैं लेकिन कांग्रेस का अभिन्न अंग हैं। वह गांधी की गाड़ी को चला रहे थे। उनकी गाड़ी के पीछे मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी व कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू का काफिला था।वहीं आम आदमी पार्टी (आप) के बागी विधायक ने रविवार को यह दावा किया था कि पूर्व पीसीसी सुनील जाखड़ ने राजनीति से संन्यास ले लिया है।
A lot of unfortunate news emanating out of Punjab. Just heard that @sunilkjakhar is calling it quits due to unwarranted, irresponsible comments of his @INCPunjab colleagues. Sad to see a gentlemen politician go out at a crucial juncture.#PunjabElection2022
— Kanwar Sandhu (@SandhuKanwar) February 6, 2022
AAP के बागी नेता कंवर संधू ने किया यह ट्वीट
खरड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक कंवर संधू ने ट्वीट किया कि “पंजाब से बहुत सारी दुर्भाग्यपूर्ण खबरें निकल रही हैं। अभी सुना है कि सुनील जाखड़ अपने पंजाब सहयोगियों की अनुचित, गैर-जिम्मेदार टिप्पणियों के कारण राजनीति छोड़ रहे हैं। एक सज्जन राजनेता को एक महत्वपूर्ण मोड़ पर बाहर जाते हुए देखना दुखद है।”
संधू ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जाखड़ अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे। “एक पत्रकार होने के नाते सुनील जाखड़ सज्जन और उनसे लंबे समय से दोस्ती है। आशा है कि वह सक्रिय राजनीति छोड़ने के अपने फैसले पर फिर से विचार करेंगे, और हमें अपने मजाकिया अंदाज से रूबरू कराएंगे और हमें उनकी काव्य बुद्धि का लाभ भी मिलता रहेगा।”
सुनील जाखड़ भी थे कांग्रेस के CM फेस की रेस का हिस्सा
पिछले साल सितंबर में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद कथित तौर पर कैप्टन की जगह लेने की दौड़ में सुनील जाखड़ शामिल थे, उन्होंने दावा किया कि पंजाब के 79 कांग्रेस विधायकों में से 42 चाहते थे कि वह सिंह की जगह लें। जबकि केवल दो ने चन्नी का पक्ष लिया था। जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था।
दरअसल, सुनील जाखड़ भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे। पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को तरजीह दी, जो अनुसूचित जाति समुदाय से पंजाब के पहले मुख्यमंत्री बने। पंजाब में विधानसभा चुनाव एक चरण में होंगे, 20 फरवरी को; तारीख 14 फरवरी से संशोधित की गई थी। सभी 117 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतगणना 10 मार्च को होगी।