लुधियाना-फरीदकोट : शिरोमणि अकाली दल बादल द्वारा पंथक चुनोतियों और सियासी उठक-पटक के बीच फरीदकोट की फिरोजपुर रोड़ पर स्थित नई अनाज मंडी में 16 सितंबर 2018 दिन रविवार को होने वाली पोल-खोल रैली पर अचानक जिला प्रशासन ने हालात बिगडऩे की आशंकाओं के मध्यनजर रोक लगा दी।
पंजाब की कांग्रेस सरकार के विरूद्ध होने वाली इस रैली पर फरीदकोट उपमंडल मजिस्ट्रेट ने लिखित तौर पर शिअद प्रमुख प्रवक्ता परमबंस सिंह बंटी रोमाना को सचित करते हुए बताया है कि खुफिया रिपोर्ट के आंकलन के बाद अकाली दल के कार्यकर्ताओं और पंथक गर्मख्याली सिखों के दरमयान रैली के दौरान तनाव और झगड़ा हो सकता है और इस संघर्ष के दौरान हिंसा होने की आंकलन से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी लिए प्रशासन अकाली दल को अपने अधिकार क्षेत्र में रैली करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
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उधर दूसरी तरफ अकाली दल के अडवाइजर चरणजीत सिंह बराड़ और फरीदाकोट के हलका इंचार्ज परमबंस सिंह रूमाना ने बताया कि अकाली दल बादल द्वारा कांग्रेस सरकार के विरूद्ध की जा रही रैली के लिए विशाल पंडाल तैायर था। इस पंडाल में 22 से 25 हजार कुर्सियां लगाने की व्यवस्था की गई और पार्टी ने रैली में 30 से 40 हजार लोगों को जुटाकर शक्ति प्रदर्शन करने का फैसला हुआ था।
इस रैली को असफल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। अकाली दल बादल से संबंधित कई वरिष्ठ नेता और अकाली वर्कर पंडाला के बाहर अलग-अलग स्थानों पर इकटठे होने शुरू हो गए थे। इसी बीच पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से अकाली आगु और कार्यकर्ता रैली को सफल बनाने के लिए पहुंच रहे थे, यहां स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
दरअसल अकाली दल ने बेअदबी और गोलीकांड पर तैयार जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए इस पोल खोल रैली का पहले से ही ऐलान किया हुआ था। पहले यह रैली बरगाड़ी चौक में की जानी थी किंतु वहां पर बेअदबी के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए सरबत खालसा के जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड, भाई बलजीत सिंह दादूवाल और भाई अमरीक सिंह अजनाला समेत सिमरनजीत सिंह मान और पंथक नेता मोकम सिंह इंसाफ मोर्चा लगाकर संघर्ष कर रहे है।
अकाली दल ने संभावी टकराव से बचने के लिए 16 तारीख की रैली को फरीदकोट में करने का फैसला लिया था। जिस पर इंसाफ मोर्चे के आगुओं ने देश-विदेश की संगत को बरगाड़ी में 16 तारीख को पहुंचने की अपील की। मोर्चे पर बादल सरकार की लगातार खिलाफत होती रही है और आज जिला प्रशासन ने रैली पर प्रतिबंध लगा दिया।
हालांकि रैली स्थल पर अकालियों के तहस-नहस किए गए पंडाल पर रोक लगाए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और उच्च अदालत ने इस समस्या पर शनिवार की सुबह सुनवाई करेंगा। शिअद प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने रैली की इजाजत को रदद किए जाने पर पंजाब में लगी पाबंदी को अघोषित आपातकलीन कहा।