भारतीय डेविस कप कप्तान महेश भूपति ने कहा कि डेनिस शापोवालोव जैसे उदीयमान खिलाड़ियों से सजी कनाडा की टीम चेक गणराज्य की टीम से भी अधिक मजबूत है जिससे भारत 2015 में प्लेआफ चरण में हार गया था। भारतीय टीम ने एडमंटन पहुंचने से पहले न्यूयार्क में एक सप्ताह के शिविर में हिस्सा लिया। वह एलीट विश्व ग्रुप में जगह बनाने के लिये चौथी बार प्रयास करेगी।
एशिया ओसियाना क्षेत्र में दबदबा बनाने के बाद भारतीय टीम विश्व ग्रुप प्लेआफ में 2014 में सर्बिया, 2015 में चेक गणराज्य और 2016 में राफेल नडाल की अगुवाई वाले स्पेन से हार गया था। कनाडा ने शुरू होने वाले मुकाबले के लिये यूएस ओपन के चौथे दौर में पहुंचने वाले विश्व के 51वें नंबर के खिलाड़ी शापोवालोव, वासेक पोसपिसिली (82) के अलावा डेनियल नेस्टर (युगल रैंकिंग में 43) और ब्रायन इस्नर को टीम में रखा है।
भूपति ने कहा-कनाडा की टीम बहुत अच्छी है लेकिन निश्चित तौर पर हम इसलिए यहां हैं क्योंकि हमने उनके खिलाफ खेलने का हक हासिल किया। मेरी निजी राय है कि कनाडा की टीम भारत का दौरा करने वाली चेक गणराज्य की टीम से अधिक दमदार है। शापोवालोव ने पिछले कुछ सप्ताहों में अपने प्रदर्शन से खास छाप छोड़ी है। वह क्वालीफायर के रूप में यूएस ओपन के चौथे दौर में पहुंचे।
इस 18 वर्षीय खिलाड़ी ने मांट्रियल मास्टर्स के सेमीफाइनल में जगह बनायी थी और इस बीच नडाल को भी हराया था। चेक गणराज्य की जो टीम भारत दौरे पर आयी थी उसमें जिसरी वेस्ली (तब विश्व रैंकिंग 40 लेकिन अब 59) और लुकास रोसोल (तब विश्व रैंकिंग 85) उसके मुख्य एकल खिलाड़ी थे। भूपति ने कहा कि न्यूयार्क में कोलंबिया विश्वविद्यालय में अभ्यास से टीम को इस इंडोर मुकाबले के लिये बेहतर रूप से तैयार होने का मौका मिला।
उन्होंने कहा-एक सप्ताह तक इंडोर अभ्यास करने से टीम को मदद मिली। लड़कों ने कई गेंदें हिट की और वे अच्छा महसूस कर रहे हैं। हम सप्ताहांत के लिये तैयार हैं। इस साल के शुरू में आनंद अमृतराज की जगह कप्तान बनने वाले भूपति ने कहा कि युकी भांबरी ओर रामकुमार रामनाथन की हाल में अपने अधिक रैंकिंग के खिलाड़ियों के खिलाफ सफलता से उनका मनोबल बढ़ है। युकी ने जहां सिटी ओपन में विश्व में 22वें नंबर के गेल मोनफिल्स को हराया वहीं रामकुमार ने अंताल्या ओपन में शीर्ष दस में शामिल डोमिनिक थीम को पराजित किया था।
भूपति ने कहा, जीत से आपका मनोबल बढ़ता है और बड़ जीत से आपका काफी आत्मविश्वास बढ़ता है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह शीर्ष 100 में पहुंचने की शुरुआत है। युकी और राम ने इन गर्मियों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। रोहन मांिट्रयल के फाइनल में पहुंचा था और इस टीम का अगुआ है। साकेत हर सप्ताह बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। लंबे समय तक चोटिल रहने के बाद वापसी करना मुश्किल होता है लेकिन वह प्रतिबद्ध है।
युकी ने 2015 में शीर्ष 100 में जगह बनायी थी लेकिन उसके बाद वह चोटिल होने के कारण खराब दौर से गुजरे। रामकुमार को भी इस साल के शुरू में जूझना पड़ा था लेकिन उसके बाद उन्होंने अच्छा खेल दिखाया। भूपति ने कहा कि खिलाड़ी काफी मेहनत कर रहे हैं और अधिक सफलताएं अर्जित करेंगे। उन्होंने कहा-वे सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। अगर थाईलैंड और जापान शीर्ष दस में जगह बनाने वाले खिलाड़ी पैदा कर सकता है तो भारत भी ऐसा कर सकता है।