एक-दो बार नहीं बल्कि कई बार आपने लोगों के मुंह से यह बात सुनी होगी कि एबुलेंस आने में हुई देरी की वजह से वो शख्स अपनी जान गवाह बैठा। कहीं ऐम्बुलेंस नहीं है तो कभी-कभी सड़क पर ज्यादा जाम होने की वजह से मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं। जहां कि आज हम आपको घटना बताने वाले हैं यह हैदराबाद की है। यहां पर एक एनजीओ ने बाइक ऐम्बुलेंस सेवा शुरू की है ताकि सभी मरीज समय पर अस्पताल पहुंच सके। जी हां खासतौर पर तो यह सेवा बुजुर्गों के लिए की गई है।
बचाई 72 वर्षीय शख्स की जान
रेलवे स्टेशन पर भीख मांगकर अपनी जिंदगी व्यतीत करने वाले अनूप जी की आयु करीब 72 साल है। बीते दिनों वह जख्मी हो गए थे। उनके आसपास के लोगों ने ऐम्बुलेंस को फोन किया। लेकिन वहां पर ऐम्बुलेंस नहीं आ पाई। इसी बीच लोगों ने Human Rights Organisation of Good Samaritans India के डायरेक्टर और फाउंडर जॉर्ज राकेश बाबू को कॉल किया। तब उन्होंने अपनी बाइक ऐम्बुलेंस उठाई और चल पड़े अनूप जी को लेने के लिए। बाइक ऐम्बुलेंस के जरिए ही अनूप जी को अस्पताल पहुंचाया गया तब जाकर उनकी जान बचाई गई।
अभी एनजीओ के पास सिर्फ एक ऐम्बुलेंस
शहर में ट्रेफिक से भरी हुई सड़कों और गलियों में ऐम्बुलेंस को पहुंचते-पहुंचते काफी ज्यादा समय लग जाता है। इस वजह से HROGS एनजीओ ने बाइक ऐम्बुलेंस सर्विस शुरू कर दी है। अभी हैदराबाद में ऐसी एक ही बाइक ऐम्बुलेंस है,लेकिन जल्दी ही इनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी।
पहले यह एनजीओं सड़क पर रहने वाले लोगों को शेल्टर उपलब्ध करवाते थे लेकिन अब इसके अलावा इन्होंने कई और अन्य काम शुरू कर दिए हैं। जैसे वृद्घाश्रम खोला और ऐम्बुलेंस सर्विस को शुरू किया है।